अखबार में पूरी एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस पब्लिश करने की ज़रूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

20 Nov 2025 11:23 AM IST

  • अखबार में पूरी एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस पब्लिश करने की ज़रूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (19 नवंबर) को कहा कि लोकल डेली अखबार में पूरी एनवायर्नमेंटल क्लीयरेंस (EC) पब्लिश करने की कोई ज़रूरत नहीं है। “अगर प्रोजेक्ट प्रपोज़ल EC की मंज़ूरी पब्लिश करता है और उसमें शर्तों और सेफ़गार्ड्स की असलियत बताता है तो यह काफ़ी कम्प्लायंस होगा।”

    जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर की बेंच ने यह बात एक ऐसे केस पर फ़ैसला करते हुए कही, जिसमें अपील करने वाले-टल्ली ग्राम पंचायत ने गुजरात के टल्ली और बम्बोर गांवों में 193.3269 हेक्टेयर में फैले लाइमस्टोन माइनिंग प्रोजेक्ट के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट को EC (05.01.2017) दिए जाने को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के सामने चुनौती दी थी। मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट, फ़ॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज (MoEF&CC) द्वारा EC दिए जाने के ख़िलाफ़ अपील करने वाले की अपील को NGT ने लिमिटेशन के आधार पर यह मानते हुए खारिज कर दिया कि अपील 19 अप्रैल, 2017 को देर से फ़ाइल की गई, यानी 30 दिनों की कानूनी तय समय अवधि के बाद, जिसे 60 दिनों तक बढ़ाया जा सकता था।

    NGT के आदेश को चुनौती देते हुए अपील करने वाले ने यह तर्क देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया कि चूंकि उन्हें EC दिए जाने के बारे में RTI क्वेरी के ज़रिए 14.02.2017 को ही पता चला, इसलिए लिमिटेशन की अवधि 05.01.2017 से नहीं, बल्कि 14.02.2017 से मानी जानी चाहिए। अपील करने वाले की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन 2006 (EIA नोटिफिकेशन, 2006) के क्लॉज़ 10 के अनुसार, लोकल डेली न्यूज़पेपर में पूरी EC का कोई पब्लिकेशन नहीं हुआ था।

    अपील करने वाले की दलील खारिज करते हुए कोर्ट ने वी. सुंदर प्रोप्राइटर केमिकल्स, इंडिया बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया और अन्य, 2015 SCC ऑनलाइन NGT 145 में NGT के फैसले का समर्थन किया, जिसमें कहा गया,

    “हालांकि यह प्रोजेक्ट प्रपोज़ल की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने पक्ष में EC की मंज़ूरी पब्लिश करे, लेकिन यह कानूनी ज़रूरत का हिस्सा नहीं है कि एनवायरनमेंटल क्लियरेंस की पूरी जानकारी अखबार में पब्लिश की जाए।”

    इस तरह कोर्ट ने माना कि लिमिटेशन पीरियड की गिनती उस सबसे पहली तारीख से की जाएगी, जिस दिन एनवायरनमेंटल क्लियरेंस पब्लिक की गई, चाहे वह मिनिस्ट्री की वेबसाइट, अखबार में छपने या किसी ऑथराइज़्ड ऑफिसर के कम्युनिकेशन के ज़रिए हो।

    Cause Title: TALLI GRAM PANCHAYAT VERSUS UNION OF INDIA & ORS.

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