NEET-PG 2025 | 'उत्तर कुंजी प्रकाशित करने संबंधी अपनी नीति का खुलासा करें': सुप्रीम कोर्ट ने NBE से पूछा
Shahadat
7 Nov 2025 1:40 PM IST

पारदर्शिता को महत्वपूर्ण कारक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या NEET-PG परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने से परीक्षा की शुचिता प्रभावित होगी। साथ ही न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह NEET-PG 2025 में विसंगतियों के व्यक्तिगत आरोपों पर विचार नहीं करेगा।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस विपुल एम पंचोली की खंडपीठ ने NEET-PG परीक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें पारदर्शिता के तौर पर उत्तर कुंजी का खुलासा आदि शामिल हैं।
शुरुआत में न्यायालय ने पूछा कि ये मामले इस खंडपीठ के समक्ष क्यों हैं, जबकि इन मामलों की सुनवाई जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की थी, जिन्होंने 26 सितंबर को NEET-PG परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रकाशित करने और विसंगतियों के मुद्दे उठाने वाली तीन याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि ये मामले वर्तमान पीठ के समक्ष क्यों थे, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) के वकील ने दलील दी कि उनकी नीति बिल्कुल स्पष्ट है कि स्टूडेंट्स को उत्तर कुंजी के संबंध में गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा। इस पर जस्टिस नरसिम्हा ने पूछा कि क्या कोर्ट UPSC मामले जैसा ही रुख अपना सकता है, जहां आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी को अस्थायी रूप से प्रकाशित करने की अपनी नीति में भारी बदलाव किया था।
NBE के वकील ने दलील दी कि कोचिंग संस्थान ये याचिकाएं इसलिए दायर कर रहे हैं, क्योंकि वे प्रश्न पुस्तिकाओं के लिए उत्तर कुंजी हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने दलील दी कि इससे परीक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
जस्टिस नरसिम्हा ने पूछा कि उनकी नीति कहां दी गई है तो शुरुआत में कहा गया कि यह वेबसाइट पर है। बाद में वकील ने स्पष्ट किया कि यह एक अलिखित नीति है, जो परंपरा के अनुसार चली आ रही है।
अदालत ने अब NBE से इस नीति पर निर्देश प्राप्त करने और इस पर अपना स्पष्ट रुख बताने को कहा है। NBE को इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करना होगा।
परीक्षा के संचालन में विभिन्न विसंगतियों के मुद्दे उठाने वाली अन्य याचिकाओं के संबंध में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत आरोपों पर विचार नहीं करेगा।
ये रिट याचिकाएं NEET-PG परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों की मांग करते हुए दायर की गईं, जिसमें उत्तर कुंजियों का प्रकाशन भी शामिल है। 29 अप्रैल को अन्य मामले में कोर्ट ने पारदर्शिता के लिए मूल अंक, उत्तर कुंजियां और सामान्यीकरण सूत्र प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।
30 मई को न्यायालय ने अन्य राष्ट्रीय परीक्षाओं की तुलना में पारदर्शिता के मुद्दों को लंबित रखते हुए NEET-PG 2025 की एक पाली में परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया।
Case Details: MEGHRAJ ROY Vs NATIONAL BOARD OF EXAMINATION IN MEDICAL SCIENCES|W.P.(C) No. 851/2025 Diary No. 48426 / 2025

