Motor Accident Claims | क्या अपील से पहले जमा की शर्तें MV Act के तहत निर्धारित सीमा से अधिक हो सकती हैं? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच

Shahadat

15 Aug 2024 10:41 AM IST

  • Motor Accident Claims | क्या अपील से पहले जमा की शर्तें MV Act के तहत निर्धारित सीमा से अधिक हो सकती हैं? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच

    सुप्रीम कोर्ट कानूनी मुद्दे पर विचार करने के लिए तैयार है कि क्या न्यायालय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (MV Act) के तहत दिए गए दावों के खिलाफ अपीलों पर विचार करने के लिए वैधानिक सीमा से अधिक जमा राशि की मांग कर सकते हैं।

    जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा मुआवजे के अवार्ड का 50% जमा करने की शर्त लगाई गई थी।

    कहा गया,

    "इस मामले में महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 173 के तहत अपील 25,000/- या दी गई राशि का 50%, जो भी कम हो, जमा करने पर विचार की जा सकती है और क्या न्यायालय ऐसी अपील पर विचार करने के लिए एक शर्त के रूप में वैधानिक निर्धारित राशि से अधिक राशि जमा करने पर जोर दे सकते हैं?"

    सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया और अटॉर्नी जनरल के माध्यम से संघ से जवाब मांगा है, क्योंकि केंद्रीय अधिनियम के तहत प्रावधान का सवाल है।

    हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता ने ट्रिब्यूनल द्वारा 1 अप्रैल, 2023 को प्रतिवादियों के पक्ष में दिए गए अवार्ड के खिलाफ याचिका दायर की। हालांकि, कोर्ट ने MV Act, 1988 की धारा 173 के तहत निर्धारित वैधानिक सीमा से अधिक जमा करने की शर्त लगाई।

    हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त इस प्रकार है:

    "इस बीच, ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए कारणों पर विचार करते हुए अपीलकर्ता को आज से चार सप्ताह के भीतर विद्वान ट्रिब्यूनल के पास अर्जित ब्याज के साथ मुआवजे का 50% जमा करने का निर्देश दिया जाता है, बिना पक्षों के अधिकारों और विवादों के पूर्वाग्रह के।"

    "यदि अपीलकर्ता द्वारा मुआवजे की राशि जमा नहीं की जाती है तो दावेदार कानून के अनुसार अपीलकर्ता के खिलाफ लगाए गए अवार्ड के निष्पादन के लिए आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होगा।"

    गौरतलब है कि धारा 173 के तहत 25,000 रुपये या दी गई राशि का 50%, जो भी कम हो, जमा करके अपील दायर करने की अनुमति है।

    अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख तक दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक भी लगाई गई।

    अब मामले की सुनवाई सितंबर महीने में होगी।

    केस टाइटल: प्रदीप कुमार बनाम मास्टर अंकित एवं अन्य विशेष अनुमति याचिका (सिविल) डायरी संख्या 30751/2024

    Next Story