पेड़ों की कटाई के संबंध में पारित आदेशों के अनुपालन की पुष्टि के लिए मशीनरी स्थापित करने की आवश्यकता: सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

20 July 2024 9:10 AM GMT

  • पेड़ों की कटाई के संबंध में पारित आदेशों के अनुपालन की पुष्टि के लिए मशीनरी स्थापित करने की आवश्यकता: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई के संबंध में पारित आदेशों के अनुपालन की पुष्टि के लिए मशीनरी स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

    जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ के समक्ष यह मामला था, जिसने कहा कि यह सत्यापित करने की आवश्यकता है कि पेड़ों की कटाई की अनुमति देते समय न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्तों का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं, अन्यथा न्यायालयों का इस मुद्दे पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा।

    जस्टिस ओक ने कहा,

    "इस न्यायालय ने समय-समय पर पेड़ों की कटाई की अनुमति देने वाले आदेश पारित किए हैं। हमारा मानना ​​है कि ऐसी मशीनरी बनाना आवश्यक है, जो यह सत्यापित करेगी कि पेड़ों की कटाई का काम वास्तव में इस न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है या नहीं और क्या अन्य शर्तों जैसे कि प्रतिपूरक वनरोपण आदि का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं।"

    गौरतलब है कि इस वर्ष जनवरी में ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में पर्यावरण संबंधी मुद्दों के संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस ओक की अध्यक्षता वाली अन्य पीठ ने सख्त टिप्पणी की थी कि वह पेड़ों को इतनी आसानी से काटने की अनुमति नहीं देगी।

    पीठ ने कहा था,

    "जैसा कि अनुच्छेद 51ए में कहा गया कि पेड़ों को बचाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, हम यह भी दोहराते हैं कि यह सुनिश्चित करना राज्य की भी जिम्मेदारी है कि अधिकतम संख्या में पेड़ों की सुरक्षा की जाए।"

    कुछ महीने बाद मई में उसी पीठ ने वर्तमान मामले में आदेशों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली के रिज वन क्षेत्र में पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण को कड़ी फटकार लगाई। इसने DDA उपाध्यक्ष को आपराधिक अवमानना ​​नोटिस भी जारी किया, जिसमें कहा गया कि पेड़ों की कटाई और विनाश 10 दिनों तक जारी रहा।

    पूरे प्रकरण की जांच के लिए DDA द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद पीठ ने पाया कि कुछ ईमेल संचारों में 3 फरवरी, 2024 को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा किए गए साइट दौरे का उल्लेख किया गया।

    हाल ही में 12 जुलाई को न्यायालय ने टिप्पणी की कि दिल्ली रिज वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के निर्देश देने में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में DDA के इशारे पर "कवर अप" चल रहा था। इसने यह भी चेतावनी दी कि वह उपराज्यपाल को अवमानना ​​नोटिस जारी करने पर विचार करेगा।

    केस टाइटल: एम.सी.मेहता बनाम भारत संघ और अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 4677/1985

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