LIFE Mission Case : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर एम शिवशंकर की अंतरिम जमानत खारिज की

Shahadat

19 Jan 2024 12:51 PM GMT

  • LIFE Mission Case : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर एम शिवशंकर की अंतरिम जमानत खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गुणवत्ता पर जाए बिना केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को मेडिकल आधार पर जमानत दे दी, जिन्हें लाइफ मिशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया।

    जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने JIPMER पांडिचेरी की रिपोर्ट की जांच करने के बाद आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि शिवशंकर के लिए तत्काल सर्जरी की आवश्यकता है।

    शिवशंकर ने पिछले साल अप्रैल में केरल हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

    जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने 02 अगस्त, 2023 को उन्हें मेडिकल आधार पर 2 महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी, यह देखते हुए कि उन्हें रीढ़ की सर्जरी की सलाह दी गई और उन्हें पोस्ट-ऑपरेटिव उपचार की भी आवश्यकता होगी।

    अंतरिम राहत 25 सितंबर, 2023, 29 नवंबर, 2023 और 08 दिसंबर, 2023 को बढ़ा दी गई। 08 दिसंबर को यह निर्देश दिया गया कि शिवशंकर को उनकी चिकित्सा स्थिति के मूल्यांकन के लिए JIPMER मेडिकल अस्पताल, पांडिचेरी ले जाया जाए।

    शिवशंकर के लिए पेश हुए सीनियर एडवोकेट जयंत मुथुराज और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड मनु श्रीनाथ ने अदालत को सूचित किया कि JIPMER मेडिकल अस्पताल की रिपोर्ट रिकॉर्ड में है। ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि रिपोर्ट ऐसी किसी बीमारी का संकेत नहीं देती, जिसका इलाज जेल अस्पतालों में नहीं किया जा सकता।

    उन्होंने आगे तर्क दिया कि शिवशंकर जमानत से राहत पाने के लिए बार-बार मेडिकल आधार का उपयोग कर रहे हैं।

    ईडी के वकील ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहले जब शिवशंकर को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया तो वह बिना किसी मेडिकल उपचार का लाभ उठाए तुरंत सेवा में शामिल हो गए। कहा गया कि शिवशंकर इस मौके पर एक साल तक सेवा में बने रहे।

    जवाब में शिवशंकर के वकील ने तर्क दिया कि वह योग्यता के साथ-साथ मेडिकल आधार पर राहत के लिए दबाव डाल रहे थे और शिवशंकर के पास पहले सेवा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए उनका आवेदन खारिज कर दिया गया।

    रिकॉर्ड पर मौजूद मेडिकल रिपोर्टों के आलोक में बेंच ने उठाई गई दलीलों के गुण-दोष पर गौर किए बिना, शिवशंकर को दी गई अंतरिम जमानत को पूर्ण बना दिया।

    LIFE (आजीविका, समावेशन और वित्तीय सशक्तिकरण) बेघरों के लिए केरल सरकार की आवास परियोजना है। शिवशंकर LIFE मिशन परियोजना के निविदा कार्यों में शामिल कथित रिश्वत को लेकर भ्रष्टाचार के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं।

    केस टाइटल: एम शिवशंकर बनाम भारत संघ और अन्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 5590/2023

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