याचिकाकर्ता कर रहा है प्रचार की कोशिश : सुप्रीम कोर्ट ने पर्वतीय पर्यटक क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
Amir Ahmad
5 May 2025 3:06 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) खारिज दी, जिसमें आतंकी हमलों की दृष्टि से संवेदनशील पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश और उपाय मांगे गए थे।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा,
“याचिकाकर्ता बार-बार इस प्रकार की तथाकथित जनहित याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य केवल प्रचार पाना है न कि सार्वजनिक हित की सेवा करना। याचिका खारिज की जाती है।”
सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कहा कि वह केवल पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पहलगाम आतंकी हमला पहली ऐसी घटना है, जिसमें पर्यटकों को सीधे निशाना बनाया गया।
जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता के लगातार प्रचार-उन्मुख याचिकाएं दायर करने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा,
“पिछली बार भी हमने आपको सलाह दी थी। आपका उद्देश्य और मंशा क्या है? कौन आपको इस तरह की याचिकाएं दाखिल करने के लिए उकसा रहा है? क्या आप बार के उस सदस्य की तरह बनना चाहते हैं, जिसे इस तरह की याचिकाओं के लिए जाना जाता था? आपको कोई संवेदनशीलता समझ नहीं आती? आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है? लगता है आप कोई मिसाल पेश करने वाला दंडात्मक आदेश आमंत्रित कर रहे हैं।”
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह सरकार के खिलाफ कोई आदेश नहीं चाहते और यदि याचिका विचारणीय नहीं है तो वह उसे वापस लेने को तैयार हैं लेकिन कोर्ट ने अंततः याचिका खारिज कर दी।
संक्षेप में याचिका का उद्देश्य यह था कि गर्मी के मौसम में पर्यटकों द्वारा अधिकतर देखे जाने वाले उत्तरी राज्यों के दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में सशस्त्र सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए।
अनुच्छेद 32 के अंतर्गत दायर इस याचिका में आग्रह किया गया था कि आतंकवादी हमलों की स्थिति में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशा-निर्देश जारी करे।
यह याचिका 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दाखिल की गई जिसमें आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की थी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थीबजबकि कई घायल हुए थे।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दाखिल इस याचिका में कहा गया कि यह पहली बार है जब पर्यटकों को इतनी बड़ी संख्या में निशाना बनाया गया और उनकी हत्या की गई।
याचिका में यह भी मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य सरकारें विशेष रूप से गर्मियों के मौसम में दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों और गलियों में जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं।
इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ता ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षित और संरक्षित व्यवस्था के लिए भी निर्देश देने की मांग की थी, जो जुलाई में शुरू होने वाली है।
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि पर्यटक स्थलों पर उचित चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं ताकि आपातकालीन स्थिति में तत्काल उपचार मिल सके।
याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि विश्व स्तर पर पर्यटकों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
केस टाइटल: विशाल तिवारी बनाम भारत संघ एवं अन्य

