ACP लाभ पाने वाले न्यायिक अधिकारी LLM योग्यता प्राप्त करने पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि के भी हकदार: सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
31 Jan 2025 8:26 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि वार्षिक कैरियर प्रगति (ACP) का लाभ पाने वाले न्यायिक अधिकारी उच्च योग्यता प्राप्त करने के कारण अतिरिक्त वेतन वृद्धि के भी हकदार हैं।
मणिपुर के न्यायिक अधिकारी ने अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर यह स्पष्टीकरण मांगा कि क्या न्यायिक अधिकारी प्रत्येक सुनिश्चित कैरियर प्रगति (ACP) चरण में उच्च योग्यता भत्ते के हकदार हैं।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा 4 जनवरी, 2024 को अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में दिए गए फैसले से सुलझ गया। उस फैसले में न्यायालय ने राज्य के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ACP का लाभ पाने वाला न्यायिक अधिकारी LLM की अतिरिक्त योग्यता प्राप्त करने पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि का हकदार नहीं है।
जनवरी 2024 के फैसले में कहा गया,
"ACP दिए जाने का LLM जैसी अतिरिक्त योग्यता प्राप्त करने पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि के लाभ से कोई लेना-देना नहीं है।"
उक्त फैसले में आगे कहा गया:
"ACP चरण में अग्रिम वेतन वृद्धि के लाभ से इनकार करने का कोई औचित्य नहीं है। ACP का उद्देश्य और उद्देश्य ठहराव को रोकना है। दूसरी ओर, उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए अग्रिम वेतन वृद्धि का उद्देश्य और उद्देश्य न्यायिक प्रदर्शन में सुधार करना है। इसलिए ACP चरण में अग्रिम वेतन वृद्धि न बढ़ाने के संबंध में SNJPC द्वारा लगाई गई प्रतिबंधात्मक शर्त को स्वीकार नहीं किया जाता। उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए अग्रिम वेतन वृद्धि उन अधिकारियों को भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी डिग्री हासिल की है।"
महाराष्ट्र राज्य बनाम तेजवंत सिंह संधू एवं अन्य 2022 एससीसी ऑनलाइन एससी 2286 के मामले में महाराष्ट्र राज्य की ओर से यह तर्क दिया गया कि एक बार संबंधित न्यायिक अधिकारी को एसीपी का लाभ मिल जाने के बाद वह LLM की अतिरिक्त योग्यता प्राप्त करने पर वार्षिक वेतन वृद्धि का हकदार नहीं है। न्यायालय ने उक्त तर्क को विशेष रूप से खारिज कर दिया।
इन उदाहरणों को देखते हुए पीठ ने कहा कि इस बिंदु पर कोई स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने मणिपुर राज्य के इस तर्क को खारिज कर दिया कि यदि किसी न्यायिक अधिकारी को ACP के प्रत्येक चरण में अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ उठाने की अनुमति दी जाती है तो इसका परिणाम अन्यायपूर्ण समृद्धि होगा।
"SNJPC ने मूल संचयी वेतन पर 3% की दर से वेतन वृद्धि की सिफारिश की है। उदाहरण के लिए, यदि कोई न्यायिक अधिकारी JMFC के स्तर पर LLM की उच्च योग्यता प्राप्त करता है और उसका संचयी वेतन 10,000/- रुपये है तो वह उच्च योग्यता के कारण 9% यानी 900/- रुपये पाने का हकदार होगा। हालांकि, जब ACP के कारण उसका संचयी वेतन 15,000/- रुपये हो जाता है तो उस स्थिति में LLM प्राप्त करने पर वह 15,000/- रुपये के संचयी वेतन का 9% यानी 1,350/- रुपये पाने का हकदार होगा। मामले के इस दृष्टिकोण से हम पाते हैं कि यह तर्क कि एक बार न्यायिक अधिकारी को ACP के कारण उच्च वेतनमान मिल जाता है तो वह उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त वेतन वृद्धि पाने का हकदार नहीं होगा, निराधार है। इस तरह से खारिज किया जाता है।"
केस टाइटल : अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ बनाम भारत संघ