'राजनीतिक दल हाईकोर्ट को आवंटित जमीन पर कैसे कब्जा कर सकते हैं?' : दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर आप के दफ्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्‍यक्त किया

LiveLaw News Network

14 Feb 2024 6:08 AM GMT

  • राजनीतिक दल हाईकोर्ट को आवंटित जमीन पर कैसे कब्जा कर सकते हैं? : दिल्ली हाईकोर्ट की जमीन पर आप के दफ्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्‍यक्त किया

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (13 फरवरी) को आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि दिल्ली हाईकोर्ट के लिए आवंटित की गई जमीन पर कैसे एक "राजनीतिक दल" ने कब्जा कर लिया।

    पिछले साल कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे। मंगलवार को मामले में न्याय मित्र सिन‌ियर एडवोकेट के परमेश्वर ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि रएक "राजनीतिक दल" ने दिल्ली हाईकोर्ट को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण किया है।

    परमेश्वर, जिन्होंने स्पष्ट रूप से राजनीतिक दल के नाम का उल्लेख नहीं किया और स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते थे, कहा कि हाईकोर्ट संपत्ति का कब्ज़ा वापस लेने में सक्षम नहीं है। इस बिंदु पर आश्चर्य व्‍यक्त करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि राजनीतिक दल न्यायपालिका के लिए निर्धारित भूमि पर कैसे कब्जा कर सकते हैं। "वहां पार्टी कार्यालय कैसे हो सकता है? आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते।"

    दिल्ली सरकार के कानून सचिव, भरत पाराशर, जो ऑनलाइन उपस्थित थे, ने पीठ को सूचित किया कि "राजनीतिक दल" को 2016 में एक कैबिनेट प्रस्ताव के माध्यम से भूमि आवंटित की गई थी। उन्होंने कहा कि अब इस मामले की जानकारी भूमि और विकास अधिकारी (एल एंड डीओ) को दी गई है और राजनीतिक दल को एक और जमीन आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है।

    कानून सचिव ने कहा कि 2016 से पहले, यह एक बंगला था जिस पर एक मंत्री का कब्जा था और बाद में राजनीतिक दल ने कब्जा कर लिया था। न्याय मित्र ने पीठ को सूचित किया कि इमारत को पार्टी कार्यालय में बदल दिया गया है और इसके पास अस्थायी निर्माण भी किया गया है।

    दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट वसीम कादरी और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी को संबोधित करते हुए, सीजेआई ने कहा, "श्री कादरी और श्री विक्रमजीत बनर्जी, बेहतर होगा कि आप पता लगाएं और कल हमें बताएं कि हाईकोर्ट को कब्जा कब वापस दिया जा रहा है। यह क्या है? हम न्यायाधीशों का बंगला या कुछ और नहीं मांग रहे हैं... हम पूछ रहे हैं जनसुविधाओं के लिए। और एक राजनीतिक दल उस पर कुंडली मारे बैठा है! फिर आपने इसे हाईकोर्ट को क्यों आवंटित किया? हमें बताएं कि आप हाईकोर्ट को कब्ज़ा कब्ज़ा देने जा रहे हैं। इसे ख़त्म करना ही होगा। हाईकोर्ट कोर्ट इसका इस्तेमाल दिल्ली के नागरिकों और निवासियों के लिए करने जा रहा है। हमें बताएं कि आप क्या कर रहे हैं।"

    हालांकि अदालती कार्यवाही के दौरान राजनीतिक दल के नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन बाद में स्वतंत्र रूप से पुष्टि की गई कि पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) है।

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