हाईकोर्ट प्रारंभिक खारिज आदेश वापस लेकर अग्रिम ज़मानत नहीं दे सकता: सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
19 Sept 2025 10:44 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस असामान्य आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत अग्रिम ज़मानत याचिका, जिसे शुरू में खारिज कर दिया गया था, बाद में वापस ले ली गई और अग्रिम ज़मानत दे दी गई।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ के समक्ष शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि एक बार अग्रिम ज़मानत की याचिका खारिज करने वाला विस्तृत आदेश पारित हो जाने के बाद कार्यवाही पूरी तरह समाप्त हो गई और उसे वापस बुलाकर पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता था, बहाल करना तो दूर की बात है।
याचिकाकर्ता के तर्क को सही पाते हुए अदालत ने कहा:
“सिंगल जज अग्रिम ज़मानत की याचिका खारिज करने का आदेश पारित करने के बाद कार्यवाही को पुनर्जीवित नहीं कर सकते, बहाल करना तो दूर की बात है। अदालत तब अग्रिम ज़मानत की याचिका स्वीकार करके अपने पहले के आदेश को पलटने के लिए आगे नहीं बढ़ सकता था, जिसे शुरू में खारिज कर दिया गया।”
अदालत ने आगे कहा,
"तदनुसार, दिनांक 07.02.2025 का आक्षेपित आदेश निरस्त किया जाता है। अग्रिम ज़मानत के आवेदन और प्रार्थना को खारिज करने वाला दिनांक 17.01.2025 का प्रारंभिक आदेश पुनः लागू माना जाता है।"
मामले की पृष्ठभूमि
आरोपी-प्रतिवादी नंबर 1 ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406, 420 और 120-बी के तहत अपराधों के संबंध में हाईकोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए आवेदन किया। हालांकि याचिका शुरू में खारिज कर दी गई। बाद में हाईकोर्ट ने अपने पिछले आदेश को यह देखते हुए वापस लेते हुए ज़मानत दी कि जांच अधिकारियों ने आरोपी को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया था और उसे जांच में शामिल होने का एक और अवसर दिया था।
Cause Title: GURVINDER SINGH VERSUS JASBIR SINGH @ JASVIR SINGH & ANR.

