हेमंत सोरेन ने अंतरिम जमानत मांगी, सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया

Shahadat

29 April 2024 6:53 AM GMT

  • हेमंत सोरेन ने अंतरिम जमानत मांगी, सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 अप्रैल) को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

    जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने मामले को 6 मई से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। खंडपीठ ने यह भी कहा कि इस बीच झारखंड हाईकोर्ट 28 फरवरी, 2024 को सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाने के लिए खुला रहेगा। सोरेन ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाने में हाईकोर्ट द्वारा देरी का हवाला देते हुए वर्तमान विशेष अनुमति याचिका दायर की।

    मामला जब उठाया गया तो खंडपीठ ने सोरेन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल से पूछा कि वह क्या चाह रहे हैं।

    सिब्बल ने जवाब दिया,

    "मैं अंतरिम जमानत चाहता हूं।"

    उन्होंने कहा कि ED के हलफनामे को पूरी तरह से स्वीकार कर लेने पर भी उनकी संलिप्तता नहीं दिखती है।

    संक्षेप में सोरेन को झारखंड में कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में 31 जनवरी को ED ने गिरफ्तार किया था। उन पर धोखाधड़ी से अर्जित भूमि का प्राथमिक लाभार्थी होने का आरोप है।

    झारखंड के मुख्यमंत्री पद से सोरेन के इस्तीफे के बाद यह गिरफ्तारी हुई और तब से वह हिरासत में हैं।

    अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद सोरेन ने 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार किया और उन्हें इसके बजाय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।

    तदनुसार, सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया, जिसने ED की गिरफ्तारी के मुद्दे पर उनकी सुनवाई की और 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया।

    अब, दूसरी याचिका के साथ सोरेन ने 28 फरवरी को सुनवाई पूरी होने के बावजूद ED की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला सुनाने में झारखंड हाईकोर्ट द्वारा देरी का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

    पिछले हफ्ते, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस खन्ना के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए इसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की और कहा कि देरी के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण चुनाव के समय सोरेन को जेल में रहना पड़ा।

    केस टाइटल: हेमंत सोरेन बनाम प्रवर्तन निदेशालय और अन्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 5769/2024

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