कर्मचारी द्वारा माता-पिता के पक्ष में किया गया जनरल प्रोविडेंट फंड नॉमिनेशन शादी के बाद इनवैलिड हो जाता है: सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

7 Dec 2025 8:08 PM IST

  • कर्मचारी द्वारा माता-पिता के पक्ष में किया गया जनरल प्रोविडेंट फंड नॉमिनेशन शादी के बाद इनवैलिड हो जाता है: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार कर्मचारी की शादी हो जाने पर माता-पिता के पक्ष में किया गया नॉमिनेशन खत्म हो जाएगा। साथ ही जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की रकम मृतक एम्प्लॉई की पत्नी और माता-पिता के बीच बराबर बांटी जाएगी।

    जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया, जबकि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के उस फैसले को बहाल किया, जिसमें GPF की रकम मृतक की पत्नी और मां को बांटने का निर्देश दिया गया था।

    बेंच ने कहा,

    “रेस्पोंडेंट नंबर 1 (मृतक की मां) के पक्ष में किया गया नॉमिनेशन उसके (मृतक कर्मचारी) परिवार (शादी या किसी और तरह से) बनाने पर इनवैलिड हो जाएगा।”

    कोर्ट ने यह मानते हुए कि तय कानूनी स्थिति को दोहराया कि नॉमिनेशन जनरल प्रोविडेंट फंड पर बेहतर दावा नहीं करता कि रेस्पोंडेंट नंबर 1 (मृतक की मां) अपीलेंट (मृतक की पत्नी) पर प्रायोरिटी का दावा नहीं कर सकती। इसने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब मृतक का परिवार हो गया तो उसकी माँ के पक्ष में पहले किया गया नॉमिनेशन खत्म हो गया, जिससे GPF (सेंट्रल सर्विस) रूल्स, 1960 का रूल 33 लागू हो गया, जो परिवार के योग्य सदस्यों के बीच GPF का बराबर बंटवारा ज़रूरी बनाता है। इसके अनुसार, बेंच ने माना कि 'मृतक का GPF अपीलेंट और रेस्पोंडेंट नंबर 1 के बीच बांटा जाएगा।'

    कोर्ट ने सरबती ​​देवी बनाम उषा देवी, (1984) 1 SCC 424 का हवाला देते हुए कहा,

    "नॉमिनेशन से ही रेस्पोंडेंट नंबर 1 को अपीलेंट की तुलना में कुल GPF रकम पर बेहतर दावा नहीं मिलेगा।"

    इसलिए कोर्ट ने माना कि "मृतक का GPF अपीलेंट और रेस्पोंडेंट नंबर 1 के बीच बांटा जाएगा।"

    इसके अनुसार अपील मंज़ूर कर ली गई।

    Cause Title: SMT. BOLLA MALATHI VERSUS B. SUGUNA AND ORS.

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