सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी लॉ डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त क्वालिफाइंग परीक्षा की चुनौती वाली याचिका खारिज की

Praveen Mishra

28 Nov 2025 4:47 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी लॉ डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त क्वालिफाइंग परीक्षा की चुनौती वाली याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने आज उस रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा विदेशी लॉ डिग्री रखने वाले भारतीय नागरिकों पर लगाए गए अतिरिक्त क्वालिफाइंग एग्ज़ाम की अनिवार्यता को चुनौती दी गई थी, जबकि ऐसे उम्मीदवार पहले ही BCI द्वारा निर्धारित ब्रिज कोर्स और उसकी परीक्षा पूरी कर चुके हैं।

    यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने पारित किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पी.बी. साशांक और विपिन नायर उपस्थित थे, जबकि BCI की ओर से अधिवक्ता राधिका गौतम ने पक्ष रखा।

    याचिकाकर्ता का पक्ष

    25 वर्षीय भारतीय नागरिक, जिसने विदेश से LL.B. किया है, ने दलील दी कि उसने गोवा विश्वविद्यालय में भारतीय समकक्ष ब्रिज कोर्स पूरा कर लिया है और उसकी आधिकारिक परीक्षा भी पास कर ली है, फिर भी उसे AIBE देने और भारत में वकील के रूप में नामांकन के लिए अतिरिक्त क्वालिफाइंग परीक्षा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    उन्होंने पहले दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, जहां BCI से यह पूछने के लिए समय लिया गया कि क्या क्वालिफाइंग परीक्षा AIBE (30 नवंबर) से पहले कराई जा सकती है। बाद में BCI ने 15–20 दिसंबर की तारीखें घोषित कीं और बताया कि परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार प्रोविजनल एनरोलमेंट ले सकेंगे और दो वर्षों के भीतर AIBE पास कर सकेंगे। अगला AIBE जून 2026 में होगा।

    14 नवंबर को हाई कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए "शेष मुद्दे" उठाने की स्वतंत्रता दी, जिसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुँचा।

    विभिन्न हाईकोर्ट के विरोधाभासी फैसले

    सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के फैसलों में विरोधाभास है—

    • कर्नाटक हाई कोर्ट : ब्रिज कोर्स पूरा करने वालों के लिए अतिरिक्त परीक्षा आवश्यक नहीं।

    • दिल्ली हाई कोर्ट : ब्रिज कोर्स के बाद भी अतिरिक्त क्वालिफाइंग परीक्षा जरूरी।

    उसने तर्क दिया कि समान योग्यता वाले भारतीय नागरिकों के साथ अलग-अलग राज्यों में अलग व्यवहार हो रहा है—जहां कर्नाटक में सीधे एनरोलमेंट मिल रहा है, वहीं अन्य राज्यों में अतिरिक्त परीक्षा अनिवार्य की जा रही है।

    याचिका में कहा गया: “समान योग्यता वाले उम्मीदवारों को कर्नाटक में नामांकन मिल रहा है, पर अन्य राज्यों में AIBE देने का मौका भी नहीं मिल रहा।”

    सुप्रीम कोर्ट का आदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिका खारिज कर दी, यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता को पहले ही हाई कोर्ट से राहत मिल चुकी थी और उसने मामला वापस ले लिया था।

    याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चुनौती क्वालिफाइंग परीक्षा के खिलाफ थी, AIBE के खिलाफ नहीं, पर पीठ सुनवाई को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं थी।

    इस तरह विदेशी लॉ डिग्री धारक भारतीय उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त क्वालिफाइंग परीक्षा की अनिवार्यता के खिलाफ याचिका आज सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई।

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