दिल्ली जल संकट: दिल्ली सरकार ने हरियाणा से तत्काल पानी छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

Shahadat

31 May 2024 10:16 AM GMT

  • दिल्ली जल संकट: दिल्ली सरकार ने हरियाणा से तत्काल पानी छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

    दिल्ली सरकार ने संकटग्रस्त राष्ट्रीय राजधानी के लिए तत्काल पानी छोड़ने के लिए हरियाणा राज्य को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

    उत्तर भारत, विशेष रूप से दिल्ली में व्याप्त भीषण गर्मी की स्थिति का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि राजधानी में पानी की मांग में असाधारण और अत्यधिक वृद्धि हुई है। अनुकूलन, राशनिंग और लक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा सभी संभव प्रशासनिक उपाय किए जाने के बावजूद, राजधानी में पानी की भारी कमी हो रही है। ऐसे में अतिरिक्त जल आपूर्ति की आवश्यकता है।

    इसके अलावा, यह भी कहा गया कि दिल्ली निचला तटवर्ती केंद्र शासित प्रदेश है, जो इस वर्ष शुष्क गर्मियों से उत्पन्न आकस्मिक स्थिति को देखते हुए वर्तमान याचिका के माध्यम से अतिरिक्त जल आपूर्ति की मांग कर रहा है। यह किसी भी अंतर-राज्यीय जल विवाद और/या साझा जल संसाधनों पर राजधानी के दावे के प्रति पूर्वाग्रह के बिना है। साथ ही इसका उद्देश्य मानसून के मौसम के आने या शहर में तापमान कम होने तक अस्थायी व्यवस्था के रूप में है।

    याचिका में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश राज्य ने दिल्ली के साथ अपना अधिशेष जल साझा करने पर सहमति व्यक्त की है। लेकिन यह केंद्र शासित प्रदेश के साथ भौतिक सीमा साझा नहीं करता। इस प्रकार, पानी को हरियाणा राज्य में मौजूदा जल चैनलों/नदी प्रणालियों के माध्यम से भेजा जाना आवश्यक है, जिससे अंततः वजीराबाद बैराज पर दिल्ली को छोड़ा जा सके।

    इस पृष्ठभूमि में याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने हरियाणा राज्य से अनुरोध किया, लेकिन हरियाणा राज्य ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया। तदनुसार, निर्देश मांगे गए, जिससे हरियाणा राज्य अपना सहयोग प्रदान करे और हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े जाने के लिए सहमत अतिरिक्त पानी सहित दिल्ली को पानी छोड़े।

    याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि राष्ट्रीय राजधानी में देश भर से बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं, जिनमें पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। इस प्रकार, हरियाणा पर दिल्ली के जल और स्वच्छता संकट को हल करने में सहायता करने का पारस्परिक दायित्व है।

    दिल्ली में कार्यबल का बड़ा हिस्सा रहता है। इस प्रकार, जल संकट का श्रमिकों की जिम्मेदारियों पर प्रभाव पूरे देश में पड़ सकता है।

    इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि पड़ोसी राज्यों द्वारा राजधानी को आपूर्ति की जाने वाली पानी की मात्रा सीमित हो गई। उन्होंने यूपी और हरियाणा में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) से आग्रह किया कि वह अपने नेताओं से राजनीति को अलग रखते हुए एक महीने के लिए दिल्ली को अतिरिक्त पानी की आपूर्ति करने के लिए कहे।

    विशेष रूप से, दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा में BJP के नेतृत्व वाली सरकार पर 1 मई से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया।

    पानी के संकट के बीच दिल्ली जल मंत्री आतिशी मार्लेना ने पिछले बुधवार को आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि किसी के द्वारा पानी की बर्बादी करने पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

    इसके अतिरिक्त, 30 मई से 200 टीमें तैनात की गईं, जिससे (i) पाइप से कारों की धुलाई, (ii) पानी की टंकियों के ओवरफ्लो होने, तथा (iii) निर्माण या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए घरेलू जल आपूर्ति के उपयोग पर रोक लगाई जा सके।

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