ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड में दोषी दारा सिंह ने आजीवन कारावास की सजा माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Shahadat

10 July 2024 5:38 AM GMT

  • ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड में दोषी दारा सिंह ने आजीवन कारावास की सजा माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 जुलाई) को दारा सिंह द्वारा दायर याचिका पर ओडिशा राज्य को नोटिस जारी किया, जिसमें 1999 में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों की हत्या के लिए उन्हें दी गई आजीवन कारावास की सजा माफ करने की मांग की गई।

    जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने सिंह द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में कहा गया कि उन्होंने 24 साल से अधिक कारावास की सजा काट ली है।

    2003 में ट्रायल कोर्ट ने दारा सिंह को मौत की सजा सुनाई। 2005 में उड़ीसा हाईकोर्ट ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया, जिसकी पुष्टि 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने की।

    अपनी रिट याचिका में एडवोकेट विष्णु शंकर जैन द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए सिंह ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने "युवा क्रोध के आवेश" में अपराध किया और अब उन्हें अपने कृत्यों पर पश्चाताप है।

    सजा के सुधारात्मक सिद्धांत पर भरोसा करते हुए सिंह ने दलील दी कि उन्हें जेल से समय से पहले रिहा किया जाए, जिससे वे एक सुधरे हुए व्यक्ति के रूप में समाज में वापस जा सकें। उन्होंने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को समय से पहले रिहा करने की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2022 के फैसले पर भरोसा किया।

    यह अपराध 22 जनवरी 1999 को उड़ीसा के क्योंझर जिले के मनोहरपुर गांव में हुआ था, जब दारा सिंह के नेतृत्व में एक भीड़ ने ग्राहम स्टेन्स के वाहन में आग लगा दी थी, जिसमें वे और उनके दो बेटे, फिलिप (10 वर्ष) और टिमोथी (6 वर्ष) सो रहे थे।

    केस टाइटल: रवींद्र कुमार पाल @ दारा सिंह बनाम ओडिशा राज्य | डायरी नंबर 11407-2024

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