'Burger King' ट्रेडमार्क मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुणे बर्गर किंग को दी अंतरिम राहत, हाईकोर्ट के प्रतिबंध आदेश पर रोक

Praveen Mishra

7 March 2025 10:36 AM

  • Burger King ट्रेडमार्क मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुणे बर्गर किंग को दी अंतरिम राहत, हाईकोर्ट के प्रतिबंध आदेश पर रोक

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पुणे के प्रसिद्ध बर्गर किंग को 'Burger King' ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोका गया था।

    जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश पारित किया और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पुणे स्थित रेस्टोरेंट के मालिकों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया।

    यह मामला अमेरिकी फूड जायंट 'Burger King' और पुणे स्थित रेस्टोरेंट के बीच ट्रेडमार्क विवाद से संबंधित है।

    अगस्त 2024 में, पुणे जिला अदालत ने अमेरिकी 'Burger King Corporation' द्वारा पुणे के बर्गर किंग के खिलाफ दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मुकदमे को खारिज कर दिया था।

    अमेरिकी कंपनी ने दावा किया कि उसने 1954 में 'Burger King' नाम से बर्गर बेचना शुरू किया था और वर्तमान में यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फास्ट फूड हैमबर्गर कंपनी है, जो 100 देशों में 30,300 लोगों को रोजगार देती है।

    कंपनी ने 2011 में यह मुकदमा दायर किया था, जिसमें पुणे स्थित रेस्टोरेंट के मालिकों द्वारा 'Burger King' ट्रेडमार्क के उपयोग पर स्थायी निषेधाज्ञा लगाने और 20 लाख रुपये के हर्जाने की मांग की गई थी।

    हालांकि, प्रतिवादी अनाहिता ईरानी और शापूर ईरानी, जो पुणे स्थित रेस्टोरेंट के मालिक हैं, ने तर्क दिया कि वे 1992 से इस ट्रेड नेम का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि वादी (अमेरिकी कंपनी) ने पंजीकरण के बाद लगभग 30 वर्षों तक भारत में इस ट्रेडमार्क का उपयोग नहीं किया।

    मुकदमे में कोई ठोस आधार न पाते हुए, जिला अदालत ने पाया कि प्रतिवादी (पुणे बर्गर किंग) भारत में संबंधित ट्रेडमार्क के पूर्व उपयोगकर्ता हैं।

    जिला अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए, अमेरिकी बर्गर किंग ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की, जिसने दिसंबर 2024 में ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और पुणे स्थित रेस्टोरेंट को "Burger King" ट्रेडनेम का उपयोग करने से रोकने का आदेश पारित किया।

    सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट इस अपील पर सुनवाई जारी रख सकता है।


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