क्या जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले न्यायिक अकादमियों के कोर्स में शामिल हैं? सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से पूछा

Shahadat

23 Feb 2024 9:57 AM GMT

  • क्या जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले न्यायिक अकादमियों के कोर्स में शामिल हैं? सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से पूछा

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में (13 फरवरी को) सभी हाईकोर्ट को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि क्या सिद्धार्थ बनाम यूपी राज्य, (2022) 1 एससीसी 676 और सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो में लिए गए निर्णयों को न्यायिक अकादमी के कोर्स में शामिल किया गया।

    जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ सतेंद्र कुमार अंतिल के मुख्य मामले में जारी निर्देशों के अनुपालन के लिए दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। उल्लेखनीय है कि इस ऐतिहासिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनावश्यक गिरफ्तारी और रिमांड को रोकने के लिए कुछ निर्देश पारित किए।

    पारित निर्देशों में से एक सिद्धार्थ बनाम यूपी राज्य में शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन है। इस मामले में अदालत ने माना कि जांच अधिकारी को आरोप पत्र दाखिल करते समय प्रत्येक आरोपी को गिरफ्तार करने की आवश्यकता नहीं है। यह भी देखा गया कि कुछ निचली अदालतों द्वारा आरोप पत्र को रिकॉर्ड पर लेने के लिए पूर्व अपेक्षित औपचारिकता के रूप में किसी आरोपी की गिरफ्तारी पर जोर देने की प्रथा गलत है।

    इसके अनुसरण में सुप्रीम कोर्ट ने इन निर्देशों का पालन करने के लिए बार-बार आदेश पारित किए। ऐसा ही एक आदेश 03.02.2023 को पारित किया गया. जिसमें न्यायालय ने इन ऐतिहासिक निर्णयों को न्यायिक अकादमियों के कोर्ट में शामिल करने का निर्देश दिया था।

    “वर्तमान मामले में निर्णय अर्थात “सतेंदर कुमार अंतिल बनाम सीबीआई” (2022) 10 एससीसी 51 में रिपोर्ट की गई और सिद्धार्थ के मामले (सुप्रा) में फैसले को राज्य न्यायिक अकादमियों और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के कोर्स के हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।”

    तदनुसार, न्यायालय ने वर्तमान आदेश में इस विशेष निर्देश के लिए हाईकोर्ट के अनुपालन की मांग की।

    “दिनांक 03.02.2023 के आदेश में निहित निर्देश के संदर्भ में हाईकोर्ट को न्यायिक अकादमी के कोर्स में सिद्धार्थ (सुप्रा) और सतेंद्र कुमार अंतिल (सुप्रा) को शामिल करने के अनुपालन के बारे में सूचित करना चाहिए।”

    न्यायालय ने हाईकोर्ट को यह सूचित करने का भी निर्देश दिया कि क्या सतेंद्र कुमार अंतिल (सुप्रा) मामले में निर्णय सीआरपीसी की धारा 438 के तहत याचिकाओं पर लागू किया जा रहा है।

    इसके अलावा, राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया कि अभियोजक इन निर्णयों में उल्लिखित कानून की सही स्थिति बता रहे हैं। इसके अलावा, राज्यों को इन निर्णयों को प्रसारित करना होगा और अभियोजकों को समय-समय पर प्रशिक्षित करना होगा।

    कोर्ट ने कहा,

    "सिद्धार्थ (सुप्रा) और सतेंद्र कुमार अंतिल (सुप्रा) के मामले में इस न्यायालय द्वारा पारित निर्णय को प्रसारित करने के लिए कहा गया।

    न्यायालय ने अपने आदेश में ऐसा कहा,

    अभियोजकों को समय-समय पर प्रशिक्षित और अपेडट करना और उसका विवरण प्रदान करना चाहिए।''

    केस टाइटल: सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो

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