Arbitration | धारा 37 के तहत अपील में 120 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता, इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है: सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

18 Sep 2024 7:19 AM GMT

  • Arbitration | धारा 37 के तहत अपील में 120 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता, इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले फैसले में व्यक्त किया गया यह विचार कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (A&C Act) की धारा 37 के तहत अपील दायर करने में 120 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता, इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है।

    कोर्ट ने कहा कि एक्ट की धारा 43 के मद्देनजर, उपरोक्त विचार पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है। धारा 43 के अनुसार, एक्ट के तहत कार्यवाही के लिए परिसीमा अधिनियम, 1963 लागू होता है।

    जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिनियम की धारा 37 के तहत अपील दायर करने में 166 दिन की देरी को माफ किया गया।

    हाईकोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता ने भारत संघ बनाम वरिंदरा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (2020) 2 एससीसी 111 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया।

    इस दृष्टिकोण से प्रथम दृष्टया असहमति व्यक्त करते हुए पीठ ने टिप्पणी की:

    "याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वकील भारत संघ बनाम वरिंदरा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (2020) 2 एससीसी 111 के मामले में इस न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हैं। इस निर्णय में यह विचार व्यक्त किया गया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 37 के तहत अपील दायर करने में 120 दिनों की अवधि से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता है। प्रथम दृष्टया, हमें ऐसा प्रतीत होता है कि 1996 अधिनियम की धारा 43 के मद्देनजर, उक्त दृष्टिकोण पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है।"

    उल्लेखनीय है कि 2021 में न्यायालय ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम मेसर्स एसोसिएटेड कंस्ट्रक्शन मामले में भी ऐसा ही मुद्दा उठाया, जहां न्यायालय इस प्रश्न पर विचार करने के लिए सहमत हुआ था कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 37 के तहत दायर अपीलों पर लागू परिसीमा अवधि क्या होगी?

    केस टाइटल: मेसर्स एसएबी इंडस्ट्रीज लिमिटेड बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य एसएलपी (सी) नंबर 21111/2024

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