पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली

Praveen Mishra

30 July 2024 11:39 AM GMT

  • पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली

    जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने पंजाब से विधानसभा में आम आदमी पार्टी के सदस्य जसवंत सिंह को ED द्वारा कथित तौर पर 46 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण और क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त करने वाली कंपनी मैसर्स टीसीएल के निदेशक और गारंटर होने के लिए उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

    आरोप है कि ऋण सुविधा प्रदान करने के नियम और शर्तों के विपरीत राशि को अन्य कंपनियों में भेज दिया गया। बताया जाता है कि 3.12 करोड़ रुपये की राशि भी आप नेता के निजी खाते में डाली गई।

    अदालत ने उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जाने की स्वतंत्रता दी है।

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 मई को गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। सिंह ने दलील दी कि गिरफ्तारी के ज्ञापन और गिरफ्तारी के आधार सहित उनके खिलाफ मौजूद सामग्री गिरफ्तारी के दो दिन बाद पीएमएलए के तहत निर्णायक प्राधिकरण को भेजी गई थी, जबकि इसे तुरंत भेजा जाना चाहिए था।

    हाईकोर्ट के जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस कीर्ति सिंह ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 (2) के तहत, यह कहीं भी निर्दिष्ट नहीं है कि सामग्री गिरफ्तारी के दिन भेजी जानी चाहिए क्योंकि इस्तेमाल शब्द "गिरफ्तारी के तुरंत बाद" है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई को सिंह को ईडी की दलीलें सुने बिना लोकसभा चुनाव प्रचार करने के लिए एकपक्षीय अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अरविंद कुमार की अवकाशकालीन पीठ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने ईडी द्वारा उसकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था।

    मामले की पृष्ठभूमि:

    जसवंत सिंह के खिलाफ कथित रूप से एक कंपनी मैसर्स टीसीएल के निदेशक और गारंटर होने के लिए पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसने 46 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं प्राप्त की थीं।

    आरोप है कि ऋण सुविधा प्रदान करने के नियम और शर्तों के विपरीत राशि को अन्य कंपनियों में भेज दिया गया। बताया जाता है कि 3.12 करोड़ रुपये की राशि भी आप नेता के निजी खाते में डाली गई।

    मैसर्स टीसीएल के खाते को 9 फरवरी, 2018 को फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर धोखाधड़ी घोषित किया गया था और इस मामले की सूचना आरबीआई को दी गई थी। याचिकाकर्ता को कई मौकों पर जांच में शामिल होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ।

    सिंह को ईडी ने नवंबर, 2023 में गिरफ्तार किया था।

    Next Story