ओला-उबर, स्विगी-जोमैटो के गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, महिला चालकों की भागीदारी बढ़ाई जाए: राजस्थान हाईकोर्ट

Amir Ahmad

3 Dec 2025 3:20 PM IST

  • ओला-उबर, स्विगी-जोमैटो के गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, महिला चालकों की भागीदारी बढ़ाई जाए: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐप आधारित परिवहन और डिलीवरी सेवाओं से जुड़े गिग वर्कर्स के संचालन को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। न्यायालय ने आदेश दिया कि ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो सहित सभी कंपनियों के चालकों और डिलीवरी कर्मियों का राज्य परिवहन विभाग तथा महानिदेशक, सायबर के समक्ष अनिवार्य रजिस्ट्रेशन किया जाए।

    जस्टिस रवि चिरानिया की पीठ ने महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि संबंधित कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि छह माह के भीतर कम-से-कम 15 प्रतिशत चालक महिलाएं हों तथा आने वाले दो से तीन वर्षों में यह अनुपात बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक किया जा सके।

    ये दिशा-निर्देश एक साइबर अपराध से जुड़े जमानत प्रकरण की सुनवाई के दौरान दिए गए, जिसमें अभियुक्तों ने पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल गिरफ्तारी का भय दिखाते हुए एक बुज़ुर्ग दंपति से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी। अदालत ने कहा कि गिग इकोनॉमी प्लेटफॉर्म आम जनता से सीधे जुड़े रहते हैं, इसलिए इन पर साइबर सुरक्षा और जन-सुरक्षा दोनों दृष्टियों से कठोर निगरानी आवश्यक है।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी गिग वर्कर्स का महानिदेशक, सायबर के ऑफिस में अनिवार्य कराया जाएगा और उनकी पहचान के लिए समान वर्दी के साथ क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र अनिवार्य किया जाएगा, जिसे एक फरवरी, 2026 से लागू किया जाएगा। ड्यूटी के समय प्रत्येक कर्मी को यह पहचान पत्र अपने साथ रखना होगा।

    साथ ही ओला-उबर के कार व बाइक चालकों तथा स्विगी-जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़े सभी गिग वर्कर्स का व्यावसायिक नंबर प्लेट के साथ राज्य परिवहन विभाग और महानिदेशक सायबर में रजिस्ट्रेशन होगा। केवल वही व्यक्ति वाहन चला सकेगा जो कंपनी में अधिकृत और रजिस्टर्ड चालक के रूप में दर्ज होगा। यह व्यवस्था एक मार्च 2026 से प्रभावी होगी।

    अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि ई-कॉमर्स कंपनियां एवं उनके कूरियर साझेदार पुलिस सत्यापन और पूर्ण पृष्ठभूमि जांच के बाद ही गिग वर्कर्स की नियुक्ति करें। इसके साथ ही इन कंपनियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपकरणों की सहायता से कर्मियों की गतिविधियों की मासिक समीक्षा करनी होगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर साइबर सेल को तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

    महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से परिवहन एवं गिग सेवा कंपनियों में महिला चालकों की भागीदारी को प्राथमिकता देने को कहा गया।

    न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जारी किए गए निर्देश अंतिम नहीं हैं और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अन्य संबंधित विभागों के समन्वय से आवश्यकता अनुसार आगे भी कदम उठा सकते हैं ताकि साइबर अपराध और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान हो सके।

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