UAPA आरोपी को 5 साल बाद जमानत, हाईकोर्ट ने कहा– आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ने वाला सबूत नहीं
Praveen Mishra
15 Sept 2025 8:59 PM IST

हाईकोर्ट ने एक आरोपी को ज़मानत दी जो 5 साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद था। आरोप था कि उसने सह-आरोपियों को अवैध हथियार सप्लाई किए। केस UAPA, IPC 120-B और आर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज था।
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। सिर्फ़ एक पिस्तौल और कुछ कारतूस बरामद हुए, बाकी केवल गुप्त सूचना और गवाहों के बयान ही थे।
जस्टिसा पिता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि लंबी कैद ही ज़मानत का आधार बन सकती है, क्योंकि मुक़दमे की धीमी गति आरोपी के अनुच्छेद 21 (तेज़ सुनवाई के अधिकार) का उल्लंघन करती है।
कोर्ट ने पाया कि चार्जशीट 2021 में दाख़िल हुई थी, पर मुख्य आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया और 40 गवाहों में से सिर्फ़ 1 की गवाही हुई है। इसलिए अदालत ने कहा कि अब ज़मानत देना ही एकमात्र विकल्प है।

