पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने LLM स्टूडेंट की उत्तर पुस्तिका को 'AI-जनरेटेड' घोषित करने के खिलाफ याचिका पर जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया
Shahadat
4 Nov 2024 3:10 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से LLM स्टूडेंट की याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें उसने परीक्षा में उसके द्वारा दिए गए उत्तर को "AI-जनरेटेड" घोषित करने के यूनिवर्सिटी के निर्णय को चुनौती दी।
जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने मामले को 14 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया। पेशे से वकील कौस्तुभ शक्करवार ने "अनुचित साधन समिति" के निर्णय को रद्द करने की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की, जिसमें उसकी उत्तर पुस्तिका को "AI-जनरेटेड" घोषित किया गया था।
यूनिवर्सिटी ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी से LLM कर रहे शक्करवार ने "वैश्वीकरण की दुनिया में कानून और न्याय" विषय के लिए "AI-जनरेटेड" प्रस्तुत किया। उसे इस विषय में "अनुत्तीर्ण" चिह्नित किया था।
शक्करवार ने दलील में कहा कि यह प्रस्तुतिकरण उनकी अपनी रचना है। उन्होंने यूनिवर्सिटी से अनुरोध किया कि वह विशिष्ट नियम प्रदान करे, जो AI के उपयोग को प्रतिबंधित करता है। उनका दावा है कि यूनिवर्सिटी ऐसा कोई दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहा।
उन्होंने कहा,
"कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 2(डी)(vi) यह स्पष्ट रूप से बताती है कि यदि याचिकाकर्ता ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया भी है तो कलात्मक कार्य का कॉपीराइट याचिकाकर्ता के पास होगा। इस प्रकार कॉपीराइट के उल्लंघन का आरोप विफल हो जाता है।"
याचिका में कहा गया कि उन्होंने "अनुचित साधन समिति" के निर्णय के खिलाफ विरोध भी दर्ज किया, लेकिन 4 महीने की देरी के बाद यूनिवर्सिटी ने सूचित किया कि अपील खारिज कर दी गई।
केस टाइटल: कौस्तुभ अनिल शक्करवार बनाम जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और अन्य।