पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट की डिग्री सत्यापित करने के लिए अभिलेख प्रस्तुत न करने पर HRD के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया
Shahadat
12 Dec 2024 9:32 AM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सिक्किम के मानव संसाधन विकास (HRD) विभाग के सचिव तथा सिक्किम के ईस्टर्न इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड लर्निंग इन मैनेजमेंट (EIILM) यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को यूनिवर्सिटी अभिलेखों के साथ उपस्थित रहने के अपने निर्देश का पालन न करने पर तलब किया।
यह याचिका बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के उस निर्णय को चुनौती देते हुए दायर की गई, जिसमें लॉ ग्रेजुएट के नामांकन के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि सिक्किम के EIILM यूनिवर्सिटी से प्राप्त उसकी ग्रेजुएट की डिग्री फर्जी है। बाद में कथित तौर पर पाया गया कि यूनिवर्सिटी को UGC द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
न्यायालय ने पाया कि सिक्किम के मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव का प्रतिनिधि बार-बार तलब किए जाने तथा समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बावजूद उपस्थित नहीं हुआ।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और सुदीप्ति शर्मा ने कहा,
"यह न्यायालय सिक्किम सरकार के सचिवालय में बैठे संरक्षक द्वारा इस न्यायालय के समक्ष उचित प्रस्तुतियों के माध्यम से संपूर्ण लिस का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए इस न्यायालय द्वारा सह-प्रतिवादी नंबर 5 और 6 की इस न्यायालय के समक्ष उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करता है।"
न्यायालय ने सिक्किम के अतिरिक्त मुख्य सचिव को उक्त जमानती वारंटों के निष्पादन और प्रतिवादियों की अगली सुनवाई की तिथि पर या उससे पहले उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यह देखते हुए कि पूरा मामला इस तथ्य के सत्यापन के इर्द-गिर्द घूमता है कि डिग्री फर्जी है या नहीं, क्योंकि स्नातक की डिग्री के आधार पर याचिकाकर्ता ने पंजाब यूनिवर्सिटी से तीन साल की एलएलबी भी पूरी की है।
न्यायालय ने कहा,
"अभी तक यह आदेश देने से न्याय नहीं मिलेगा कि उक्त प्रतिवादियों के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही की जाए।"
खंडपीठ ने कहा,
"इस मामले की पूरी जिम्मेदारी सिक्किम सरकार के सचिवालय में बैठे उसके संरक्षक द्वारा तत्काल मामले से संबंधित अभिलेखों को प्रस्तुत करने पर टिकी है।"
न्यायालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सचिव और रजिस्ट्रार एक दैनिक समाचार पत्र में नोटिस छपने के बावजूद अधिकृत एजेंटों के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने में विफल रहे।
इस मामले को 27 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने सिक्किम के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि "यह सुनिश्चित करें कि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी तत्काल मामले से संबंधित सभी प्रासंगिक अभिलेखों को अपनी निगरानी में लाएं।"
केस टाइटल: ज़ोरावर अमरप्रीत सिंह बनाम बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया और अन्य

