अमृतपाल सिंह ने लोकसभा सेक्रेटरी जनरल के जारी समन के अनुपालन में संसदीय कार्यवाही में भाग लेने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

Amir Ahmad

19 Feb 2025 5:23 AM

  • अमृतपाल सिंह ने लोकसभा सेक्रेटरी जनरल के जारी समन के अनुपालन में संसदीय कार्यवाही में भाग लेने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

    राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिए गए सांसद अमृतपाल सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्होंने केंद्र, पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग की कि वे उन्हें लोकसभा सेक्रेटरी जनरल द्वारा जारी समन के अनुपालन में संसदीय कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दें।

    रिट याचिका में कहा गया कि सिंह को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया गया, क्योंकि उन्हें असम में निवारक हिरासत के कारण अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें संसदीय कार्यवाही से अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे उनके संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व न हो और 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद उनकी सीट खाली हो जाए, जिसके याचिकाकर्ता के साथ-साथ उनके निर्वाचन क्षेत्र खडूर साहिब के लिए भी गंभीर परिणाम होंगे।

    सिंह ने याचिका में कहा कि उन्होंने 30 नवंबर 2024 को लोकसभा अध्यक्ष से औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि उन्हें संसदीय सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए। उन्हें पहले ही 46 दिनों तक संसदीय बैठकों से अनुपस्थित रहने के बारे में सूचित किया जा चुका है।

    उन्होंने सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए डिप्टी कमिश्नर/जिला मजिस्ट्रेट को भी अभ्यावेदन दिया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

    याचिका में आगे कहा गया कि निवारक हिरासत में लिए गए संसद सदस्य को भी संविधान के अनुसार संसद सत्र में भाग लेने का अधिकार है, यह अधिकार अनुच्छेद 105 से प्राप्त होता है।

    याचिका में कहा गया,

    “निवारक हिरासत में लिए गए सांसद को संसद सत्र में भाग लेने का अधिकार है। यदि संसद सत्र चल रहा है तो हिरासत में लेने वाले अधिकारी को सांसद के संसद में भाग लेने की व्यवस्था करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति हिरासत में लिए गए सांसद की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उत्पादन आदेश जारी कर सकते हैं।”

    इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि हिरासत के लिए आधार मुख्य रूप से दुनिया भर में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा साझा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित हैं, जिनका पंजाब की सुरक्षा पर बहुत कम या कोई ठोस प्रभाव नहीं है। सोशल मीडिया पोस्ट से संबंधित कानून आपत्तिजनक टिप्पणियों की भी अनुमति देता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के कुछ ऑनलाइन कार्यों को अपराध घोषित करने वाले प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया।

    उन्होंने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के कार्यान्वयन के संबंध में अधिकारियों और मंत्रियों से मिलने की अनुमति देने के लिए अधिकारियों से निर्देश भी मांगे, जो सांसदों को स्थानीय रूप से पहचानी गई जरूरतों के आधार पर विकास परियोजनाओं की सिफारिश करने की अनुमति देता है।

    केस टाइटल: अमृतपाल सिंह बनाम भारत संघ

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