जांच एजेंसी के तौर पर सजा निलंबन याचिका में हिरासत अवधि का ब्योरा उपलब्ध कराना ED की जिम्मेदारी: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Avanish Pathak
20 Feb 2025 12:52 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को, जहा भी वह जांच एजेंसी हो, सजा के निलंबन के लिए दायर याचिका में हिरासत का विवरण प्रदान करने की जिम्मेदारी है।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,
"यह निर्देश दिया जाता है कि अब से सजा के निलंबन के लिए सभी आवेदनों में, प्रवर्तन निदेशालय की जिम्मेदारी होगी, जहां वह जांच एजेंसी हो, राज्य एजेंसी के साथ समन्वय करके दोषी अपीलकर्ता(ओं) की ओर से बिताई गई हिरासत अवधि के बारे में विवरण प्रदान किया जाए।"
अदालत 2024 से लंबित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुभाष बजाज की ओर से सजा के निलंबन के लिए दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। बजाज को मोहाली की एक पीएमएलए अदालत ने 30 जुलाई, 2024 को ड्रग रैकेट मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
न्यायालय ने पाया कि अभियोजन एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने 10.09.2024 को जवाब दाखिल किया गया है, लेकिन इसमें हिरासत की अवधि के बारे में विवरण नहीं है। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने प्रस्तुत किया कि हिरासत का विवरण राज्य द्वारा दिया जाता है।
न्यायालय ने कहा, "अभियोजन एजेंसी, जो सजा के निलंबन के लिए अपील या आवेदन का विरोध करती है, उसे हिरासत के बारे में विवरण सहित सभी विवरण प्रदान करने चाहिए, चाहे वह अंडर-ट्रायल अवधि के दौरान हो या सजा के बाद।"
आवेदन को आगे के विचार के लिए 24 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
केस टाइटल: सुभाष बजाज @ सुभाष चंदर बनाम प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार

