Deportation From USA | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

17 Feb 2025 11:41 AM

  • Deportation From USA |  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य अधिकारियों को फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा पंजाब से संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध आव्रजन को रोकने के लिए पंजाब में आव्रजन जांच चौकी स्थापित करने की मांग करने वाली याचिका पर एक महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

    चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस हरमीत सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को उचित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन दायर करने की सिफारिश की। न्यायालय ने अधिकारियों को 30 दिनों में अभ्यावेदन पर स्पीकिंग ऑर्डर पारित करने और उसके परिणाम के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया।

    यह याचिका एडवोकेट कंवल पाहुल सिंह द्वारा दायर की गई, जिन्होंने हाल ही में अमेरिका से पंजाब के निवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन की घटना को उजागर किया। याचिका में प्रतिवादियों को उत्प्रवास अधिनियम 1983 की धारा 6 के तहत पंजाब के सभी जिलों में उत्प्रवास जांच चौकियां स्थापित करने के लिए तत्काल और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की गई, जिससे प्रवासन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके।

    भारत से दूसरे देशों में प्रवासी के प्रवास की प्रक्रिया और भविष्य में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारत के अवैध प्रवासियों के हाल ही में बड़े पैमाने पर निर्वासन जैसी घटना को रोकने के लिए।

    सिंह ने याचिका में कहा कि अवैध प्रवासियों के निर्वासन से पंजाब के निवासियों को करोड़ों रुपये का भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

    इसमें यह भी निर्देश देने की मांग की गई कि अपनी वेबसाइट पर 'प्रमाणित भर्ती एजेंटों' और भारत के बाहर स्थापित अनुमत नियोक्ताओं की सूची को अपग्रेड करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और आवश्यक उपाय किए जाएं।

    सुनवाई के दौरान पंजाब की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि अवैध निर्वासितों को लेकर उड़ान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरी लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी अवैध प्रवासी पंजाब के थे।

    उन्होंने कहा,

    "पहली उड़ान जो उतरी, उसमें कुल 104 लोग थे, जिनमें से 32 अवैध प्रवासी पंजाब से और 32 हरियाणा से थे और बाकी अन्य राज्यों से थे।"

    केंद्र सरकार के सीनियर सरकारी वकील धीरज जैन ने दलील दी कि अप्रवासी कानूनी तरीके से अध्ययन और पर्यटक वीजा पर यूरोपीय देश चले गए और वहां से वे अवैध रूप से अमेरिका चले गए। उन्होंने आगे बताया कि प्रवासियों का संरक्षक केवल उन अप्रवासियों के लिए ही लागू है जो कार्य वीजा पर जाते हैं लेकिन वर्तमान मामले में निर्वासित लोग अध्ययन या पर्यटक वीजा पर यूरोपीय देशों में गए थे।

    दलीलें सुनने के बाद पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका में रखी गई शिकायतों को उठाते हुए उचित अधिकारियों के समक्ष एक प्रतिनिधित्व दायर करने की सिफारिश की। नतीजतन याचिका का निपटारा कर दिया गया।

    टाइटल: कंवर पाहुल सिंह बनाम UOI

    Next Story