BBMB के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं: अतिरिक्त पानी छोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार का जवाब

Shahadat

26 Sept 2025 10:14 AM IST

  • BBMB के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं: अतिरिक्त पानी छोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार का जवाब

    पंजाब सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दलील दी कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को बाध्यकारी समझौतों के तहत प्रत्येक राज्य को आवंटित हिस्से से अधिक पानी छोड़ने का कोई अधिकार नहीं है।

    यह दलील चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ के समक्ष पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका में दी गई, जिसमें BBMB की 23 अप्रैल, 2025 की बैठक के विवरण को चुनौती दी गई। इसमें गंभीर पेयजल संकट और यमुना नहर की मरम्मत का हवाला देते हुए हरियाणा को 8,500 क्यूसेक तक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।

    पंजाब के अटॉर्नी जनरल मनिंदरजीत सिंह बेदी ने दलील दी कि बोर्ड केवल निर्धारित आवंटन के भीतर ही बांधों का संचालन और रखरखाव तथा आपूर्ति को नियंत्रित कर सकता है। वह किसी भी राज्य को एकतरफा तौर पर अधिक पानी नहीं छोड़ सकता।

    उन्होंने कहा,

    "BBMB को किसी भी राज्य को उसके हिस्से से ज़्यादा पानी छोड़ने का कोई अधिकार नहीं है। यह पूरी तरह से वैधानिक ढांचे के अंतर्गत है और इसमें बदलाव की अनुमति नहीं है।"

    BBMB की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजेश गर्ग ने, जिनकी सहायता अधिवक्ता नेहा मथारू ने की, तर्क दिया कि बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र में काम किया है।

    कहा गया,

    "BBMB राज्यों के हिस्से में कोई बदलाव नहीं करता। यह भाखड़ा और पौंग से पानी के मासिक बहिर्वाह को अंतर्वाह, जलाशय सुरक्षा और मौसमी परिस्थितियों के आधार पर नियंत्रित करता है। अप्रैल का नोट अस्थायी है, जो पंजाब और हरियाणा के बीच द्विपक्षीय समझौते के अधीन है।"

    BBMB ने यह भी दावा किया कि पानी छोड़ना "द्विपक्षीय व्यवस्था के अधीन" है। हालांकि, इस पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई कि, "पंजाब और हरियाणा के बीच ऐसा कोई समझौता कभी नहीं हुआ। इसलिए इसे लागू करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया। इन परिस्थितियों में BBMB द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़ना उचित नहीं है।"

    सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि BBMB नियम, 1974 का नियम 7, BBMB के निर्णयों के विरुद्ध केंद्र सरकार के समक्ष अपील के माध्यम से एक वैकल्पिक उपाय प्रदान करता है, "आप केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष क्यों नहीं रखते?"

    इस प्रश्न का उत्तर देते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हरियाणा पीड़ित पक्ष है, क्योंकि राज्य अपना हिस्सा समाप्त होने के बाद पंजाब के हिस्से से पानी की मांग कर रहा है, इसलिए हरियाणा सरकार को अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।

    प्रतिवेदन सुनने के बाद अदालत ने पंजाब सरकार से BBMB 1974 के नियमों और उन्हें बनाए गए अधिनियम का पूरा पाठ प्रस्तुत करने को कहा।

    यह मामला अब 20 नवंबर के लिए सूचीबद्ध है।

    Title: STATE OF PUNJAB THROUGH PRINCIPAL SECRETARY V/S BHAKRA BEAS MANAGEMENT BOARD AND OTHERS

    Next Story