मद्रास हाईकोर्ट ने अन्ना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट के साथ कथित यौन उत्पीड़न का स्वतः संज्ञान लिया
Shahadat
28 Dec 2024 9:14 AM IST
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को चेन्नई में अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर सेकेंड ईयर की इंजीनियरिंग स्टूडेंट के साथ कथित यौन उत्पीड़न का स्वतः संज्ञान लिया।
जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस वी. लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने एडवोकेट आर. वरलक्ष्मी के पत्र के आधार पर घटना का स्वतः संज्ञान लिया।
हालांकि, खंडपीठ ने यह कहते हुए कोई आदेश पारित करने से परहेज किया कि चीफ जस्टिस से औपचारिक आदेश अभी प्राप्त नहीं हुए। न्यायालय ने कहा कि चूंकि स्वतः संज्ञान लेते समय प्रक्रिया का पालन किया जाना था, इसलिए न्यायालय को चीफ जस्टिस के आदेशों का इंतजार करना पड़ा।
इस बीच, एडवोकेट जनरल ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि राज्य मामले में जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगा। इस प्रकार न्यायालय ने मामले को उचित आदेशों के लिए चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
अदालत ने मौखिक रूप से खुली अदालत में कहा,
"हमने चीफ जस्टिस से आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया है। लेकिन दुर्भाग्य से, चूंकि वह उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हम उनके लिखित आदेश प्राप्त करने में असमर्थ हैं। इसके लिए एक प्रक्रिया का पालन किया जाना है। इसलिए हमें आधिकारिक आदेशों का इंतजार करना होगा।"
हालांकि, जब एडवोकेट जयप्रकाश ने अदालत को बताया कि इस संबंध में एक रिट याचिका भी दायर की गई तो खंडपीठ ने टिप्पणी की कि वह इस पर सुनवाई कर सकती है। रजिस्ट्री को रिट को क्रमांकित करने और शाम तक खंडपीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया।
कथित तौर पर 23 दिसंबर (सोमवार) को जब लड़की और उसका पुरुष मित्र यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर थे, तो आरोपी ने कथित तौर पर जोड़े का वीडियो रिकॉर्ड किया और बाद में दोस्त पर हमला किया। दोस्त के इलाके से भाग जाने के बाद आरोपी ने कथित तौर पर यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर लड़की का यौन उत्पीड़न किया।
मंगलवार को ऑल विमेन पुलिस स्टेशन, कोट्टूरपुरम ने FIR दर्ज की और बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। अपने पत्र में वरलक्ष्मी ने बताया कि आरोपी हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ पहले से ही यौन उत्पीड़न का एक ऐसा ही मामला दर्ज है, जिससे परिसर की सुरक्षा और स्टूडेंट की सुरक्षा में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की प्रभावशीलता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।
वरलक्ष्मी ने यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर सुरक्षा उपायों की कमी के बारे में भी चिंता जताई, जिसमें सीसीटीवी की कमी, सुरक्षा कर्मियों के बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे आदि शामिल हैं। हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR का विवरण सार्वजनिक डोमेन में लीक करने वालों के खिलाफ सख्त सजा और कार्रवाई की मांग की।