DMK ने EVM के नए डिज़ाइन पर सवाल उठाते हुए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया, कहा- हेरफेर संभव

Shahadat

3 April 2024 4:24 AM GMT

  • DMK ने EVM के नए डिज़ाइन पर सवाल उठाते हुए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया, कहा- हेरफेर संभव

    द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव 2024 से पहले तीसरी पीढ़ी की एम3 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के डिजाइन पर सवाल उठाते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    संगठन सचिव आरएस भारती के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि वर्तमान मॉडल, जिसमें मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) को मतदान इकाई और नियंत्रण इकाई के बीच रखा जाता है, चुनाव में विसंगतियों और भ्रष्ट प्रथाओं का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। याचिका में यह भी कहा गया कि VVPAT में सिंबल लोडिंग यूनिट (SLU) लगाना चुनाव संचालन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

    याचिका में कहा गया कि चुनाव संचालन नियम 1961 के अनुसार, बैलेटिंग यूनिट और EVM की कंट्रोल यूनिट को एक-दूसरे के सीधे संपर्क में रखना होता है। इस तरह दोनों के बीच VVPAT प्रिंटर रखना नियम, 1961 के नियमों की धारा धारा 49ए, 49बी (4), 49ई और 49टी का उल्लंघन है।

    याचिका में कहा गया कि प्रिंटर को बीच में रखने से प्रिंटर डेटा को कंट्रोल यूनिट को भेज देगा। इस प्रकार वोट की रिकॉर्डिंग प्रिंटिंग यूनिट पर निर्भर होगी। इस बात की कोई गारंटी नहीं होगी कि इनपुट सिग्नल प्राप्त होगा। बैलेटिंग यूनिट से प्रिंटर का रखरखाव किया जाएगा। इस प्रकार, याचिका में कहा गया कि इस तरह के निर्धारण से अखंडता को प्रभावित करने वाले डेटा के भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

    याचिका में आगे कहा गया कि जबकि चुनाव संचालन नियम 1961 का नियम 56 डी भारत के चुनाव आयोग को मुद्रित पेपर पर्चियों की गिनती के लिए आवेदन को नियंत्रित करने वाले दिशानिर्देश जारी करने का आदेश देता है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया, जो आयोग को बिना किसी दबाव के विवेक दे सके। रिटर्निंग अधिकारी ऐसे आवेदनों पर मनमाने ढंग से निर्णय लें। इसके अलावा, चूंकि नियम 56डी के तहत कोई अपील प्रदान नहीं की गई है। इसलिए रिटर्निंग अधिकारी को दी गई शक्तियां अनुचित हैं।

    याचिका में यह भी कहा गया कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा EVM की मंजूरी के लिए कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई और प्रक्रिया की अनुपस्थिति EVM की मंजूरी की मौजूदा प्रक्रिया को मनमाना और गैर-पारदर्शी बना देती है।

    इस प्रकार DMK ने अदालत से भारत के चुनाव आयोग को EVM को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने और मौजूदा नियमों के विपरीत बैलेटिंग यूनिट और कंट्रोल यूआईनिट के बीच प्रिंटर न रखने का निर्देश देने की मांग की।

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