NEET PG 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंटर्नशिप अवधि बढ़ाने पर निर्णय लंबित रहने तक नौ विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट को ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति दी
Shahadat
3 May 2025 3:54 PM IST

विदेशी यूनिवर्सिटी से MBBS पूरा करने वाले स्नातकों द्वारा इंटर्नशिप अवधि दो से तीन वर्ष करने के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में स्टेट मेडिकल काउंसिल को नौ याचिकाकर्ता विदेशी ग्रेजुएट को NEET PG परीक्षा 2025 ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया, जो 7 मई को बंद हो रही है।
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा:
“नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट ने हरियाणा मेडिकल कमीशन और अन्य राज्यों द्वारा जारी नोटिस के बारे में स्पष्टीकरण लेने के लिए समय मांगा, जो कथित तौर पर विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के लिए दो साल की इंटर्नशिप नीति का पालन कर रहे हैं। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले की तात्कालिकता को देखते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए। 14.05.2025 को पुनः अधिसूचित करें। इस बीच प्रतिवादी- मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल को स्टूडेंट को ऑनलाइन फॉर्म भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि फॉर्म भरने से पक्षकारों के अधिकारों और विवादों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई विशेष इक्विटी प्रवाहित नहीं होगी। साथ ही यह आगे के आदेश के अधीन होगी।
एक याचिका चीनी यूनिवर्सिटी से MBBS की पढ़ाई पूरी करने वाले मेडिकल स्टूडेंट ने दायर की थी, जिसमें एमपी मेडिकल काउंसिल द्वारा MBBS स्टूडेंट के लिए इंटर्नशिप की अवधि दो साल से बढ़ाकर तीन साल करने के आदेश को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता नानटोंग विश्वविद्यालय चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई करने चीन गया था और अपने कोर्स के अंतिम चरण में COVID-19 महामारी फैल गई। इसलिए उसे भारत वापस आना पड़ा। उसने अपने कोर्स की फाइनल ईयरर्ष ऑनलाइन मोड से पूरा किया और विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उसे नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के रूप में रजिस्टर्ड किया गया और उसे अटल बिहार वाजपेयी, शासकीय मेडिकल कॉलेज विदिशा से संबद्ध किया गया, जहां उसे अनंतिम रजिस्ट्रेशन के आधार पर इंटर्नशिप करने की अनुमति दी गई।
याचिका में कहा गया कि जब याचिकाकर्ता ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया तो उसे 23 मार्च, 2023 को एमपी मेडिकल काउंसिल द्वारा सूचित किया गया कि उसकी इंटर्नशिप अवधि दो साल की होगी। इसमें कहा गया कि इसे ध्यान में रखते हुए उसकी इंटर्नशिप मार्च 2025 में समाप्त होनी थी और वह पीजी मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इस धारणा पर कि वह विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों के रूप में दो साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद NEET (PG) परीक्षा, 2025 में उपस्थित हो सकेगा।
हालांकि, नवंबर, 2024 में याचिकाकर्ता को सूचित किया गया कि अब इंटर्नशिप तीन साल की है।
अदालत आठ अन्य मेडिकल स्टूडेंट द्वारा इसी तरह की राहत की मांग करने वाली अन्य याचिका पर भी सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रेनीज़ को स्टाइपेंड देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद उन्हें कोई स्टाइपेंड नहीं दिया गया। 1 अप्रैल के अपने आदेश में अदालत ने याचिका में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और इसे अन्य समान मामले के साथ 1 मई को रखा था।
1 मई को सुनवाई के दौरान, अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से मौखिक रूप से कहा कि वह NMC के वरिष्ठ वकील को निर्देश लेने और अगली सुनवाई में अदालत को अवगत कराने के लिए कहें। 2 मई को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के सीनियर वकील ने कहा कि NEET PG परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 7 मई है, जो जून और जुलाई के अंत में आयोजित होने वाली है।
मेडिकल स्टूडेंट द्वारा किए जाने वाले क्लर्कशिप और इंटर्नशिप कार्यक्रम के संबंध में नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी सर्कुलर का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि सर्कुलर को याचिकाकर्ताओं और चीन से कोर्स करने वाले अन्य स्टूडेंट पर गलत तरीके से लागू किया गया, क्योंकि सर्कुलर केवल यूक्रेन पर लागू होता है। बाद में फिलीपींस पर लागू होने के लिए स्पष्ट किया गया और चीन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
सुनवाई के दौरान नेशनल मेडिकल काउंसिल की ओर से पेश सीनियर वकील ने मौखिक रूप से कहा,
"मैंने निर्देश मांगे हैं, माई लॉर्ड। वे सर्कुलर द्वारा शासित होंगे, क्योंकि उन्होंने पिछले साल अपना कोर्स ऑनलाइन पूरा किया। यह स्वीकृत स्थिति है कि उन्होंने फाइनल ईयर ऑनलाइन किया है। इसलिए उन्हें दो साल की क्लिनिकल क्लर्कशिप और एक साल की अनिवार्य रोटेटिव इंटर्नशिप करनी होगी।"
इस स्तर पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा,
"जहां तक इसका सवाल है, यह 2023 के लिए है और यह यूक्रेन के लिए है। क्योंकि जहां तक यूक्रेन का सवाल है, युद्ध के कारण परिदृश्य बिल्कुल अलग था जबकि चीन में परिदृश्य अलग है। लेकिन हम 2022 बैच के हैं। वास्तव में नवीनतम यह दस्तावेज है, जिसे मैंने अपलोड किया है, जहां नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने फिर से यू-टर्न लिया। इसमें कहा गया कि नियामक प्राधिकरण के रूप में नेशनल मेडिकल कमीशन आवश्यक नियम जारी करता है। हालांकि, इंटर्नशिप से संबंधित मुद्दे और साथ ही विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट स्टूडेंट के स्टाइपेंड संबंधित स्टेट मेडिकल नीति की जिम्मेदारी हैं। यानी इंटर्नशिप, वे इसे राज्य पर छोड़ रहे हैं। दिल्ली सहित कई राज्य हैं, जो FMG के संबंध में 2 साल कहते हैं और भारतीय स्टूडेंट के लिए यह एक साल है। यहां तक कि यूक्रेन के स्टूडेंट को भी केवल 2 साल की इंटर्नशिप मिलती है।"
इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या 54 महीने का कोर्स पूरा हो गया।
वकील ने अपने द्वारा प्रस्तुत अनापत्ति प्रमाण पत्र का हवाला दिया, जिसमें कहा गया,
"MBBS के क्षेत्र में पांच साल की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद विषय को यह अनापत्ति पत्र जारी किया जा रहा है। इसका मतलब है कि उन्होंने हर कक्षा पूरी कर ली है। इस पर कोई विवाद नहीं है।"
वकील ने फिर NMC द्वारा जारी किए गए पत्रों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि इंटर्नशिप की अवधि 24 महीने होगी।
"ये स्टूडेंट... जहां तक प्रोमिसरी एस्टॉपेल के सिद्धांत और वैध अपेक्षा के सिद्धांत का सवाल है, उन्हें इन पत्रों में लिखित रूप से विश्वास दिलाया गया। अब अचानक से विवादित आदेश पारित कर दिया गया। समय की कमी को देखते हुए... क्योंकि परीक्षा जून, 2025 के महीने में है। अगर उन्हें फॉर्म भरने की अनुमति दी जाती है तो शुरुआती सप्ताह में यह तय किया जा सकता है कि हम परीक्षा में बैठने के योग्य हैं या नहीं। हम इक्विटी का दावा नहीं करेंगे। लेकिन कम से कम उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने दें, क्योंकि 7 तारीख की आधी रात को विंडो बंद हो जाएगी। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उन्होंने दो साल की इंटर्नशिप के लिए आवेदन दिया है।"
इसके बाद वकील ने हरियाणा मेडिकल कमीशन द्वारा जारी नोटिस का हवाला दिया, जिसमें नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी स्पष्टीकरण का हवाला दिया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि सार्वजनिक नोटिस केवल यूक्रेन और फिलीपींस पर लागू है। उन्होंने आगे कहा कि अन्य राज्य भी हरियाणा मेडिकल कमीशन का अनुसरण कर रहे हैं और इंटर्नशिप को केवल दो साल तक सीमित कर रहे हैं।
इस प्रकार, न्यायालय ने मौखिक रूप से NMC को 2-3 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
न्यायालय ने कहा,
"इस बीच, वे केवल फॉर्म भरने की अनुमति मांग रहे हैं। उन्हें फॉर्म भरने दें। फॉर्म अगले आदेश के अधीन होंगे।"
मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।
केस टाइटल: डॉ. सौरभ रघुवंशी और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य

