NEET 2024 | राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को बताया, निजी कॉलेजों में खाली NRI PG सीटों को सामान्य कोटे के लिए काउंसलिंग के अंतिम दौर में शामिल किया जाएगा

Avanish Pathak

5 Feb 2025 2:14 PM IST

  • NEET 2024 | राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को बताया, निजी कॉलेजों में खाली NRI PG सीटों को सामान्य कोटे के लिए काउंसलिंग के अंतिम दौर में शामिल किया जाएगा

    मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को निजी मेडिकल कॉलेजों की 48 रिक्त एनआरआई सीटों को शामिल करने और मेरिटोरियस कैंडिडेट्स के लिए इन्हें सामान्य कोटे की सीटों में बदलने के मामले में बताया है कि अगर एनआरआई सीटें खाली होती हैं तो उन्हें NEET-PG 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया के अंतिम दौर में मेरिट के आधार पर सामान्य श्रेणी से भरा जाएगा।

    जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि एनआरआई श्रेणी के उम्मीदवारों की 48 सीटें रिक्त पड़ी हैं और वे सीटें पहले दौर और दूसरे दौर में उपस्थित रहे उम्मीदवारों को नहीं दी जा रही हैं। निदेशक, चिकित्सा शिक्षा नए एनआरआई उम्मीदवारों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि तथ्यात्मक रूप से राज्य में नए एनआरआई उम्मीदवार मिलना असंभव है क्योंकि यह खुलासा हो चुका है कि "काल्पनिक उम्मीदवारों ने एनआरआई श्रेणी में निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटें ब्लॉक कर दी हैं"।

    याचिका में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 48 सीटों को सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए परिवर्तित किया जाना चाहिए, जो योग्यता के अनुसार इसे प्राप्त कर सकते हैं और सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए।

    31 जनवरी को सुनवाई के दरमियान राज्य की ओर से पेश वकील ने मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम, 2018 के नियम 14 (ए) (2) पर भरोसा किया और प्रस्तुत किया कि नियम 14 (ए) (2) के अनुसार, यदि एनआरआई सीटें खाली रह जाती हैं, तो "उन्हें अंतिम दौर यानी सामान्य श्रेणी में मोप अप राउंड में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें मेरिट-कम-चॉइस के आधार पर भरा जाना चाहिए"।

    उल्लेखनीय है कि NEET-PG में काउंसलिंग के तीन दौर होते हैं। मोप अप राउंड काउंसलिंग प्रक्रिया का अंतिम राउंड है।

    कोर्ट ने आदेश में कहा, "उसने प्रस्तुत किया कि रिक्त रह गई 48 एनआरआई सीटों में से बची हुई सीटों को मेरिट-कम-चॉइस के आधार पर सामान्य श्रेणी से मोप अप राउंड के समय भरा जाएगा। बयान को रिकॉर्ड पर लिया गया है"।

    बयान के मद्देनजर, याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी।

    मामले के तथ्य इस प्रकार हैं कि याचिकाकर्ता-डॉ. ख्याति शेखर- ने राज्य में 936 रैंक हासिल करते हुए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में NEET-PG परीक्षा 2024 में भाग लिया।

    उसकी रैंक और राज्य प्रतिशत 87.25 और नीट प्रतिशत 87.27 के अनुसार उसे मध्य प्रदेश के किसी भी निजी मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर में सर्वश्रेष्ठ विषय मिल सकता था। हालांकि काउंसलिंग के पहले दौर के पूरा होने के बाद उसे कोई सीट आवंटित नहीं की गई, क्योंकि फर्जी एनआरआई उम्मीदवारों की 48 सीटें ब्लॉक कर दी गई थीं और छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार पहले दौर या दूसरे दौर या काउंसलिंग के मोप-अप/अंतिम दौर में सीटें नहीं दी जा रही थीं।

    यह प्रस्तुत किया गया कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य (2021) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और डॉ. योग्यता मरोठी (डब्ल्यू.पी. नंबर 28721/2023) के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा इस मामले पर सो रहे हैं और एनआरआई उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 48 सीटें बर्बाद हो रही हैं। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग की थी कि वे एनआरआई कोटे के लिए आवंटित 48 सीटों को सामान्य कोटे में शामिल करें, अगर वे योग्यता के आधार पर वास्तविक एनआरआई उम्मीदवारों द्वारा नहीं भरी जाती हैं।

    केस टाइटलः डॉ ख्याति शेखर बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य, रिट पीटिशन नंबर 3718/2025

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