सेवा समाप्ति में नियमों का उल्लंघन: MP हाईकोर्ट ने मजदूर को नौकरी पर वापस लेने का आदेश दिया, 50% बकाया वेतन भी मिलेगा

Amir Ahmad

13 May 2025 4:46 PM IST

  • सेवा समाप्ति में नियमों का उल्लंघन: MP हाईकोर्ट ने मजदूर को नौकरी पर वापस लेने का आदेश दिया, 50% बकाया वेतन भी मिलेगा

    मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मजदूर की नौकरी से निकाले जाने को अवैध करार देते हुए उसे फिर से बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही 50 प्रतिशत बकाया वेतन देने का भी निर्देश दिया।

    कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी को हटाते समय औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25(f) का पालन नहीं किया गया।

    जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने 2017 के श्रम न्यायालय का फैसला रद्द कर दिया। श्रम न्यायालय ने मजदूर को पूरा बकाया वेतन देने से इनकार कर दिया था।

    मामला

    पंकज कुमार मिश्रा नामक मजदूर 2011 से कृषि उपज मंडी समिति में काम कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि 2019 में उन्हें बिना कोई लिखित आदेश नोटिस या हटाने का मुआवज़ा दिए मौखिक रूप से नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25(f) का उल्लंघन है, जो कहती है कि यदि कोई कर्मचारी पिछले 12 महीनों में 240 दिन काम कर चुका हो, तो उसे हटाने से पहले एक महीने का नोटिस और मुआवज़ा देना जरूरी है।

    कोर्ट ने कहा कि एक बार कर्मचारी यह कह दे कि उसने लगातार 240 दिन काम किया तो सबूत देने की जिम्मेदारी नियोक्ता (Employer) की होती है, न कि कर्मचारी की होती है।

    कोर्ट ने यह भी कहा कि नियोक्ता की तरफ से कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज पेश नहीं किया गया, जिससे यह साबित हो सके कि पंकज मिश्रा ने लगातार काम नहीं किया। बल्कि नियोक्ता के गवाह ने खुद माना कि मिश्रा 2011 से 2019 तक कार्यरत थे। इसलिए कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मिश्रा की नौकरी से हटाना गलत था और उन्होंने नियमों के अनुसार काम किया था।

    कोर्ट ने कहा कि पंकज मिश्रा को दोबारा नौकरी पर रखा जाए। साथ ही उन्हें 50% बकाया वेतन दिया जाए और अन्य सभी लाभ भी दिए जाएं जो सेवा में बहाली के बाद मिलते हैं।

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