छात्रा से पुराने संबंध के आधार पर यौन उत्पीड़न केस रद्द, एमपी हाईकोर्ट ने प्रोफेसर को बहाल किया
Praveen Mishra
1 Nov 2025 7:50 PM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया है, जिन पर एक महिला छात्रा का यौन शोषण करने का आरोप था। कोर्ट ने पाया कि प्रोफेसर और छात्रा के बीच संबंध वर्ष 2013 से चल रहे थे, जबकि छात्रा ने विश्वविद्यालय में प्रवेश 2021 में लिया था।
कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए प्रोफेसर की तत्काल बहाली के आदेश दिए, हालांकि यह भी कहा कि प्रश्नपत्र लीक से जुड़ी जांच पूरी होने तक वह निलंबित रहेंगे।
जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने कहा,“जब शिकायतकर्ता ने स्वयं कहा कि उसका प्रोफेसर के साथ संबंध 2013 से है और वह 2021 में छात्रा बनी, तो विश्वविद्यालय को उनके निजी संबंधों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं था। यह मामला कार्यस्थल से संबंधित उत्पीड़न का नहीं है।”
कोर्ट ने यह भी पाया कि शिकायत और जांच रिपोर्ट दोनों में कई खामियां थीं —
• शिकायतकर्ता एक विवाहित महिला थी और आरोप लगाया गया कि उसका यौन शोषण 2019 से चल रहा था।
• शिकायत में कहा गया कि वह गर्भवती हुई थी, लेकिन किसी बच्चे के जन्म या गर्भावस्था का कोई प्रमाण नहीं मिला।
• ICC (आंतरिक शिकायत समिति) की रिपोर्ट को कोर्ट ने “फर्जी और अविश्वसनीय” बताया, क्योंकि कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट पर खाली पन्नों पर पहले से हस्ताक्षर कर दिए थे।
• समिति का गठन भी UGC नियमों के विपरीत पाया गया।
कोर्ट ने कहा कि केवल प्रश्नपत्र लीक से जुड़ा एक आरोप ही जांच योग्य है और इस पर विश्वविद्यालय नए सिरे से जांच कर सकता है।
अंत में, कोर्ट ने आदेश दिया —
“प्रोफेसर को तुरंत सेवा में बहाल किया जाए, लेकिन वे तब तक निलंबित रहेंगे जब तक प्रश्नपत्र लीक से संबंधित आरोप पर नया आदेश पारित नहीं हो जाता।”
याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर ली गई।

