Indore-Dewas Jam | 'बिना काम के बाहर क्यों निकलें?' : हाईकोर्ट में NHAI के वकील की टिप्पणी से विवाद, प्राधिकरण ने जारी किया नोटिस
Shahadat
4 July 2025 5:44 AM

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिन्होंने 30 जून को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में प्राधिकरण का प्रतिनिधित्व करते हुए इंदौर-देवास राजमार्ग पर यातायात जाम की स्थिति के संदर्भ में कथित तौर पर टिप्पणी की थी, "लोग बिना काम के घर से क्यों बाहर निकलते हैं..."।
वकील की इस टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए NHAI ने 'X' पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा:
"मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर पीठ में 30 जून 2025 को यातायात जाम के बारे में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान #NHAI का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में समाचार के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि वकील द्वारा की गई टिप्पणी NHAI के आधिकारिक संस्करण का प्रतिनिधित्व नहीं करती। वकील द्वारा की गई टिप्पणी NHAI से किसी भी प्राधिकरण के बिना की गई। तदनुसार, वकील को कारण बताओ नोटिस दिया गया।"
बता दें, 27 जून को लगभग 8 किलोमीटर लंबा ट्रैफ़िक जाम में इंदौर-देवास राजमार्ग पर 4,000 से अधिक वाहनों फंस गए। यह जाम लगभग 32 घंटे तक चला। को रोक दिया। यह जाम कथित तौर पर चल रहे छह-लेन पुल निर्माण, अधूरे सर्विस रोड और उचित ट्रैफ़िक डायवर्जन प्लान की अनुपस्थिति के कारण लगा। कथित तौर पर इसके कारण तीन लोगों की मौत भी हुई।
इसके बाद देवास के वकील आनंद अधिकारी द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर बेंच) के समक्ष जनहित याचिका (PIL) दायर की गई। अपनी जनहित याचिका में उन्होंने मुख्य रूप से प्रार्थना की कि संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सड़क निर्माण कार्य न्यायालय की निगरानी में किया जाए।
30 जून को सुनवाई के दौरान, NHAI की ओर से पेश हुए वकील ने सवाल किया कि बिना काम के लोग अपने घरों से जल्दी क्यों निकलते हैं। इस टिप्पणी ने आक्रोश पैदा कर दिया, खासकर तब जब बयान का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वकील ने कथित तौर पर कहा था,
“अब तो उज्जैन में भी जाम लग गया... लोग बिना किसी काम के इतनी जल्दी क्यों निकल जाते हैं?... जाहिर है ट्रैफिक जाम होगा ही।"
दोनों पक्षकारों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने केंद्र और NHAI के साथ-साथ इंदौर के प्रशासन और पुलिस को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा।