'हक़' फ़िल्म की रिलीज के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

Shahadat

4 Nov 2025 6:56 PM IST

  • हक़ फ़िल्म की रिलीज के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

    शाह बानो की बेटी ने मंगलवार (4 नवंबर) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कहा कि यामी गौतम धर और इमरान हाशमी अभिनीत फिल्म 'हक़' उनकी माँ के व्यक्तित्व अधिकारों को प्रभावित करती है, उनकी छवि को अपमानजनक तरीके से दर्शाती है और इसे रिलीज़ नहीं किया जाना चाहिए।

    निर्माताओं और सेंसर बोर्ड सहित सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस प्रणय वर्मा ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

    यह फिल्म 7 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है और कथित तौर पर अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम (1985) के ऐतिहासिक फैसले से प्रेरित है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने CrPC की धारा 125 लागू करते हुए फैसला सुनाया था कि तलाक के बाद भी मुस्लिम महिला शाह बानो को गुजारा भत्ता दिया जाए।

    यह याचिका शाह बानो की बेटी सिद्दीका बेगम खान ने दायर की। उनका कहना है कि फिल्म के निर्माताओं ने उनकी माँ की पहचान का इस्तेमाल करने से पहले अनुमति नहीं ली।

    शुरुआत में अदालत को सूचित किया गया कि एक अस्वीकरण दायर किया गया, जिसमें लिखा है:

    “यह फ़िल्म जिग्ना वोरा द्वारा लिखित अंग्रेज़ी पुस्तक "भारत की बेटी" का नाट्य और काल्पनिक रूपांतरण है। यह मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के 1985 के ऐतिहासिक फ़ैसले और उससे जुड़ी घटनाओं से प्रेरित है। यह फ़िल्म किसी व्यक्ति की बायोपिक या वृत्तचित्र होने का दावा नहीं करती है और न ही किसी व्यक्ति, चरित्र, वैधानिक प्राधिकार, घटनाओं, सूचनाओं या उद्धृत परिस्थितियों के संबंध में प्रामाणिकता, ऐतिहासिक सत्यता, सटीकता का कोई दावा करती है... पात्रों, घटनाओं की कोई भी समानता या समानता... पूरी तरह से संयोग और अनजाने में हुई है...”

    बेटी सिद्दीका बेगम ख़ान की ओर से पेश हुए वकील तौसीफ़ वारसी ने कहा कि फ़िल्म में शाह बानो की पहचान का इस्तेमाल किया गया और निर्माता यह रुख़ अपना रहे हैं कि फ़िल्म का स्रोत 1985 में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला और जिग्ना वोरा की "भारत की बेटी" नामक किताब है।

    यह दलील दी गई कि टीज़र और ट्रेलर की विषयवस्तु अपमानजनक प्रकृति की है और शाह बानो के निजता के अधिकार को प्रभावित कर रही है। वकील ने यह भी कहा कि फिल्म में किरदार का चित्रण किताब से अलग है।

    वकील ने कहा,

    "ट्रेलर में शाह बानो के चेहरे पर पैसे फेंककर तलाक देने का तरीका दिखाया गया... टीज़र में लिखा है, 'अगर तुम वफ़ादार बीवी होती तो ऐसी बात नहीं करती'... जहां तक समानता की बात है, शाह बानो का किरदार शाज़िया बानो है... अगर किताब का आधार है, तो फिल्म का आधार भी वही होना चाहिए था।"

    निजता के अधिकार को मान्यता देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि निर्माता का कहना है कि फिल्म की प्रेरणा किताब और फैसला है, लेकिन ट्रेलर में इस्तेमाल किए गए संवादों में इनमें से कोई भी बात नहीं दिखाई देती। उन्होंने आगे कहा कि इस्तेमाल किए गए संवाद बेहद अपमानजनक हैं।

    Case title: Ms Siddiqua Begum Khan v Union of India and Others [WP 42708/2025]

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