सोशल मीडिया पर क्या लिखना अपराध है?
Praveen Mishra
28 Aug 2025 3:49 PM IST

आज सोशल मीडिया हर किसी की ज़िंदगी का हिस्सा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), व्हाट्सएप जैसी जगहों पर लोग अपनी राय खुलकर लिखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया पर लिखी गई कुछ बातें आपको जेल तक पहुँचा सकती हैं?
कानून क्या कहता है?
भारत में सोशल मीडिया पर लिखे गए पोस्ट, मैसेज, कमेंट या शेयर पर मुख्य रूप से आईटी एक्ट 2000 (Information Technology Act, 2000) और भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधान लागू होते हैं।
अफवाह और फर्जी खबर (Fake News):
धारा 196 BNS: यदि कोई पोस्ट अफवाह फैलाती है और उससे दंगा या सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है, तो यह अपराध है।
सज़ा: 3 से 5 साल तक की कैद और जुर्माना।
हेट स्पीच और धार्मिक भावनाएँ:
धारा 197-198 BNS: जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर घृणा फैलाने वाली पोस्ट लिखना या शेयर करना अपराध है।
सज़ा: 3 से 5 साल तक की कैद।
महिला विरोधी / अश्लील कंटेंट:
धारा 74 BNS: किसी महिला की निजी तस्वीर/वीडियो बिना अनुमति शेयर करना या मॉर्फ करना अपराध है।
धारा 75 BNS: अश्लील/अशिष्ट सामग्री सोशल मीडिया पर डालना दंडनीय है।
सज़ा: 3 से 7 साल कैद।
मानहानि (Defamation)
धारा 354 BNS: किसी की छवि खराब करने या झूठी बातें लिखने पर मानहानि का केस बन सकता है।
सज़ा: 2 साल कैद या जुर्माना या दोनों।
ऑनलाइन धमकी / साइबर बुलिंग
धारा 351 BNS: किसी को धमकी भरे संदेश या गाली-गलौज भेजना अपराध है।
सज़ा: 2 से 7 साल कैद (गंभीरता पर निर्भर)।
आपके अधिकार और सावधानियाँ:
सोशल मीडिया पर राय देना आपका अधिकार है, लेकिन झूठी, अपमानजनक या भड़काऊ पोस्ट करना अपराध है।
किसी की निजी फोटो/वीडियो बिना सहमति शेयर करना क़ानूनन गलत है।
अफवाह फैलाने वाले मैसेज को सिर्फ “फॉरवर्ड” करना भी आपको दोषी बना सकता है।

