एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 31: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब्त की गई एनडीपीएस का डिस्पोजल

Shadab Salim

15 March 2023 5:46 AM GMT

  • एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 31: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब्त की गई एनडीपीएस का डिस्पोजल

    एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 52(क) के अंतर्गत किसी एनडीपीएस वस्तु के डिस्पोजल के संबंध में प्रक्रिया दी गई है। अनेक दफ़ा यह होता है कि शासन ऐसी जब्त की गई वस्तुओं को समाप्त करना चाहता है क्योंकि इन्हें रखने के स्थान नहीं होते या फिर इनकी कोई आवश्यकता नहीं होती है। इन स्थितियों में इन वस्तुओं का डिस्पोजल कर दिया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 52(क) टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।

    यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप है

    धारा 52(क)

    अभिगृहीत स्वापक औषधियों और मनः प्रभावी पदार्थों का व्ययन-

    (1) केन्द्रीय सरकार, किन्हीं स्वापक औषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों की परिसंकटमय प्रकृति, चोरी की उनकी भेद्यता प्रतिस्थापन, उचित भण्डारण स्थान की कमी या किन्हीं अन्य सुसंगत बातों को ध्यान में रखते हुए राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा, ऐसी स्वापक औषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों या ऐसी स्वापक औषधियों के वर्ग या मनःप्रभावी पदार्थों के वर्ग विनिर्दिष्ट कर सकेगी जिनका व्ययन, उनके अभिग्रहण के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र ऐसे अधिकारी द्वारा इसमें इसके पश्चात् विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण करने के पश्चात् ऐसी रीति से किया जाएगा जो वह सरकार, समय-समय पर, अवधारित करे।

    (2) जहां कोई स्वापक औषधि या मनःप्रभावी पदार्थ अभिगृहीत कर लिया गया है और निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी या धारा 53 के अधीन सशक्त किसी अधिकारी को भेज दिया गया है, वहां उपधारा (1) में निर्दिष्ट अधिकारी ऐसी स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदाथों की एक तालिका तैयार करेगा जिसमें उनके वर्णन, क्वालिटी, परिमाण, पैक करने के ढंग, चिन्हांकन, संख्यांक या ऐसी स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों या पैकिंग की, जिनमें वे पैक किए गए हैं, पहचान कराने वाली अन्य विशिष्टियां, उद्भव का देश और अन्य विशिष्टियों से संबंधित ऐसे अन्य व्यौरे दिए गए हों, जिन्हें उपधारा (1) में निर्दिष्ट अधिकारी, इस अधिनियम के अधीन किन्हीं कार्यवाहियों में ऐसी स्वापक औषधियों या मनःप्रभावी पदार्थों को पहचान के लिए सुसंगत समझे और किसी मजिस्ट्रेट को निम्नलिखित प्रयोजन के लिए आवेदन करेगा, अर्थात्-

    (क) ऐसे तैयार की गई तालिका का सही होना प्रमाणित करने के लिए; या (ख) ऐसे मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में ऐसी औषधियों या पदार्थों के फोटोचित्र लेने और ऐसे फोटोचित्रों का सही होना प्रमाणित करने के लिए, या

    (ग) ऐसे मजिस्ट्रेटों की उपस्थिति में ऐसी औषधियों या पदार्थों के प्रतिनिधि नमूने लिए जाने की अनुज्ञा देने के लिए और ऐसे लिए गए नमूनों की किसी सूची का सही होना प्रमाणित करने के लिए।

    (3) जहां उपधारा (2) के अधीन कोई आवेदन किया जाता है वहां ऐसी मजिस्ट्रेट यथाशक्य शीघ्र ऐसा आवेदन मंजूर करेगा ।

    (4) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का विचारण करने वाला प्रत्येक न्यायालय, उपधारा (2) के अधीन तैयार की गई और मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित तालिका, स्वापक औषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों के फोटोचित्रों और नमूनों की सूची को ऐसे अपराध के संबंध में, प्राथमिक साक्ष्य मानेगा ।

    केंद्रीय सरकार द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना निम्न है-

    वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) अधिसूचना क्रमांक सा.का.नि. 339 (अ) दिनांक 10 मई, 2007

    केन्द्रीय सरकार, स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का 61) जिसे इसमें इसके पश्चात् अधिनियम कहा गया है, की धारा 52क की उप-धारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और अधिसूचना सं.का.आ. 381 (अ) तारीख 29 मई, 1989 और स्थाई आदेश 1/89 तारीख 13 जून, 1979 को उन बातों के सिवाए अधिकांत करते हुए जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या किए जाने से लोप किया गया है, स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थों की परिसंकटमय प्रकृति, उनकी चोरी के लिए भेद्यता, समुचित भण्डारण स्थान के प्रतिस्थापन और प्रतिबन्ध को ध्यान में रखते हुए, स्वापक औषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों को जिनका उनके अधिग्रहण किए जाने के यथाशीघ्र पश्चात् उनका व्ययन किया जा सकता है, वे अधिकारी जो उनका इस प्रकार व्ययन कर सकते हैं और वह रीति जिसमें उनका व्ययन किया जा सकता है, विनिर्दिष्ट करती है।

    वे औषधियाँ जिनका व्ययन किया जा सकता है-

    सभी एनडीपीएस का अधिनियम की धारा 52क के अधीन व्ययन किया जा सकता है।

    वे अधिकारी जो औषधियों का व्ययन कर सकते हैं-

    किसी थाने का भारसाधक कोई अधिकारी या अधिनियम की धारा 53 के अधीन सह कोई अधिकारी, अधिनियम की धारा 52क के अधीन औषधियों का व्ययन कर सकता है।

    व्ययन की रीति- (1) जहाँ कोई एनडीपीएस को अभिगृहीत किया गया है और निकटतम थाने के भारसाधक अधिकारी को या अधिनियम की धारा 53 के अधीन सशक्त अधिकारी को भेजा गया है या इसका अभिग्रहण किसी ऐसे अधिकारी ने स्वयं किया है तो वह इस अधिसूचना के उपाबन्ध 1 के अनुसार ऐसे एनडीपीएस की सूची तैयार करेगा और इस अधिसूचना के उपबंध 3 के अनुसार धारा 52क की उप- धारा (2) के अधीन किसी मजिस्ट्रेट को आवेदन करेगा।

    (2) धारा 52 की उप-धारा (3) के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा आवेदन को अनुज्ञात करने के पश्चात् ऊपर खण्ड (i) में वर्णित अधिकारी सत्यापित सूची फोटोग्राफ तैयार करेगा और मामले के लिए प्राथमिक साक्ष्य के रूप में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में नमूने लेगा तथा औषधि परेषणों के ब्यौरे, औषधि व्ययन समिति के अध्यक्ष को व्ययन के सम्बन्ध में समिति द्वारा विनिश्चय के लिए प्रस्तुत करेगा। अधिकारी, गोदाम के भारसाधक अधिकारी को औषधि परेषणों सहित ब्यौरों की एक प्रति भेजेगा।

    समिति का औषधि व्ययन केन्द्रीय और राज्य औषधि विधि प्रवर्तन अधिकरण के प्रत्येक विभाग का विभागाध्यक्ष एक या अधिक औषधि व्ययन समितियों का गठन करेगा जिसमे प्रत्येक में तीन सदस्य होंगे। ऐसी प्रत्येक समिति का अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक से अन्यून पंक्ति का कोई अधिकारी, केन्द्रीय सीमाशुल्क और उत्पादशुल्क का संयुक्त आयुक्त राजस्व आसूचना निदेशालय का संयुक्त निदेशक या समतुल्य पंक्ति का अधिकारी होगा। समिति प्रत्यक्ष रूप से विभागाध्यक्ष के प्रति उत्तरदायी होगी।

    कृत्य- औषधि व्ययन समिति के कृत्य निम्नलिखित होंगे:

    (क) बार-बार बैठकें करना जो यथासम्भव और आवश्यक हो,

    (ख) औषधि लम्बित व्यवन का विस्तृत पुनर्विलोकन करना

    (ग) औषधियों के व्ययन का आदेश देना; और

    (घ) शीघ्र व्ययन के लिए किए जाने वाले उपायों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अन्वेषण 'अधिकारियों/पर्यवेक्षण अधिकारियों को सलाह देना।

    औषधियों के व्ययन के सम्बन्ध में समिति द्वारा अनुसरित की जाने वाली प्रक्रिया-

    गोदाम का भारसाधक अधिकारी उन सभी औषधि परेषणों की सूची तैयार करेगा जो व्ययन किए जाने के लिए परिपक्क हो गए हैं, अधिनियम की धारा 52क के अधीन प्रमाणित कर दी गई है और सम्बद्ध व्ययन समिति के अध्यक्ष को उसे प्रस्तुत करेगा। सूची परीक्षण करने और यह समाधान करने के पश्चात् कि उसमें वर्णित औषधियाँ व्ययन के लिए ठीक है और उनकी विधिक कार्यवाहियों के लिए और जरुरत नहीं है और यह कि इस प्रयोजन के लिए न्यायालय का अनुमोदन अभिप्राप्त कर लिया गया है, सम्बन्धित औषधि व्ययन समिति के सदस्य इस आशय का आवश्यक प्रमाण पत्र पृष्ठांकित करेंगे। समिति तत्पश्चात् प्रत्येक औषधि परेषण के भार और अन्य ब्यौरे की अभिग्रहण रिपोर्ट, रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के प्रति निर्देश से वास्तविक परीक्षा और सत्यापन और प्रत्येक मामले में अपने निष्कर्ष अभिलिखित करेगी।

    अधिग्रहण की गई औषधियों के व्ययन के लिए समिति की शक्तियाँ समिति, नीचे सारणी में उपदर्शित मात्राओं या मूल्यों तक औषधि परेषणों के व्ययन के लिए आदेश कर सकेगी

    सारणी 1

    ये मात्राएँ और मूल्य जिस तक औषधि व्ययन समिति औषधि परेषणों के व्ययन के लिए आदेश कर सकती है-

    औषधि का नाम परेषण की मात्रा

    1 हेरोइन 5 किलोग्राम

    2 हशिश (चरस) 100 किलोग्राम

    3 हरिश तेल 20 किलोग्राम

    4 गाजा 1000 किलोग्राम

    5 लाख रुपए के मूल्य तक परन्तु यह कि यदि परेषण सारणी 1 में उपदर्शित मात्रा से बड़े या मूल्य से अधिक के हैं, तो औषधि व्ययन समिति अपनी सिफारिशे विभागाध्यक्ष को भेजेगी जो इस प्रयोजन के लिए विशेष रुप से गठित किसी उच्चस्तरीय औषधि व्ययन समिति द्वारा उनके व्ययन के लिए आदेश कर सकेगा।

    अन्य औषधिया

    औषधियों के व्ययन की रीति-

    (i) अफीम, मार्फिन, कोडीन और थिबनीन का व्ययन मुख्य कारखाना नियंत्रक के अधीन सरकारी अफीम और अल्कालाइड संकर्म को अन्तरित करके किया जाएगा. (ii) खण्ड (i) में वर्णित औषधियों से भिन्न औषधियों की दशा में मुख्य कारखाना नियंत्रक को व्ययन के लिए तैयार औषधि परेषणों के उपलब्ध त्वरित संसूचना साधनों द्वारा सूचित किए जाएँगे;

    (iii) मुख्य कारखाना नियंत्रण संसूचना प्राप्ति की तारीख से पन्द्रह दिन के भीतर औषधियों की मात्रा, यदि कोई हो, जो उसके द्वारा नियम 67ख के अधीन नमूने के रूप में प्रदाय के लिए अपेक्षित हो, उपदर्शित करेगा;

    (iv) औषधियों की ऐसी मात्रा यदि कोई हो, जो खण्ड (iii) के अधीन कारखाना नियंत्रक द्वारा अपेक्षित हो, उसे अन्तरित की जाएगी और औषधियों की शेष मात्राएँ बताई गई प्रक्रिया के अनुसार नष्ट की जाएँगी

    (v) समुचित वायु प्रदूषण नियंत्रक युक्तियाँ लगे दायित्रों में भस्म करके नष्ट किया जाएगा, जो उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करेंगे। ऐसा भस्मीकरण केवल ऐसे स्थानों पर किया जाएगा जहाँ पर्याप्त सुविधाएँ और सुरक्षा व्यवस्थाएं विद्यमान हो। यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा भस्मीकरण स्वास्थ परिसंकटमी या प्रदूषक न हो यथास्थिति राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या प्रदूषण नियंत्रण समिति की सहमति अभिप्राप्त की जानी चाहिए। औषधि व्ययन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में नष्टकरण किया जाएगा।

    नष्ट करने के सम्बन्ध में विभागाध्यक्ष को सूचना - व्ययन समिति विभागाध्यक्ष को नष्टकरण कार्यक्रम के सम्बन्ध में अग्रिम में कम से कम पन्द्रह दिन पहले सूचित करेगी ताकि ठीक समझे जाने पर वह स्वयं आचक निरीक्षण कर सके या अपने किसी अधिकारी को ऐसे औचक निरीक्षण करने के लिए प्रतिनियुक्त कर सके। प्रत्येक नष्टकरण संक्रिया के पश्चात् औषधि व्ययन सामेति विभागाध्यक्ष को नष्टकरण के ब्यौरे देते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

    नष्टकरण का प्रमाण पत्र - सभी सुसंगत आंकड़े जैसे गोदाम, प्रविष्टि संख्यांक, अभिग्रहण की कोई औषधियों की सकल और शुद्ध भार आदि अन्तर्विष्ट करते हुए नष्टकरण का एक प्रमाण पत्र (तीन प्रतियों) तैयार किया जाएगा और उपाबन्ध 3 पर रुपविधान के अनुसार औषधिव्ययन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा।

    मूल प्रति इस आशय की आवश्यक प्रविष्टियाँ करने के पश्चात् गोदाम रजिस्टर में चिपकाई जाएगी, दूसरी प्रति अभिग्रहण मामला फाइल में रखी जाएगी और तीसरी प्रति औषधि व्ययन समिति द्वारा रखी जाएगी। औषधियों के व्ययन के ब्यौरे, स्वापक औषधि नियंत्रण ब्यूरो को मासिक रिपोर्टों में रिपोर्ट किए जाएँगे ।

    धारा 52क (3) के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणन

    उपरोक्त अधिकारी ने अधिनियम की धारा 52क की उपधारा (2) के अधीन उपरोक्त सूची के सत्यापन के लिए आवेदन किया है और उस धारा की उपधारा (3) यह अपेक्षा करती है कि कोई मजिस्ट्रेट जिसको आवेदन किया गया है, यथाशीघ्र इस आवेदन को अनुज्ञात करे; मेरा यह समाधान हो गया है कि उपरोक्त सूची अभिग्रहण दस्तावेज और मेरे समक्ष प्रस्तुत मामले से सम्बन्धित अभिग्रहीत सामान के परेषण के अनुसार है, उपरोक्त सूची की शुद्धता प्रमाणित की जाती

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