चेक पर आंशिक भुगतान दर्ज न होने की स्थिति में धारा 138 कैसे लागू होती है?

Himanshu Mishra

4 March 2025 12:05 PM

  • चेक पर आंशिक भुगतान दर्ज न होने की स्थिति में धारा 138 कैसे लागू होती है?

    सुप्रीम कोर्ट ने Dashrathbhai Trikambhai Patel v. Hitesh Mahendrabhai Patel (2022) के मामले में एक महत्वपूर्ण सवाल का निपटारा किया। यह सवाल था कि क्या Cheque Bounce होने पर Section 138 of Negotiable Instruments Act, 1881 (परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881) लागू होगा, यदि Cheque की Encashment (भुनाने) से पहले ऋण (Debt) का कुछ हिस्सा चुका दिया गया हो?

    इस फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि Cheque के प्रस्तुत करने से पहले आंशिक भुगतान (Part Payment) किया गया हो और यह भुगतान Cheque पर दर्ज (Endorse) नहीं किया गया हो, तो Section 138 लागू नहीं होगा।

    Section 138 का उद्देश्य (Purpose of Section 138)

    Section 138 का उद्देश्य Cheque के माध्यम से लेन-देन को सुरक्षित बनाना और लोगों में विश्वास पैदा करना है। यह धारा उस स्थिति में लागू होती है जब Cheque किसी Legally Enforceable Debt (कानूनी रूप से लागू योग्य ऋण) को चुकाने के लिए जारी किया गया हो और बैंक द्वारा धनराशि की कमी (Insufficient Funds) के कारण अस्वीकार कर दिया जाए।

    धारा लागू होने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी चाहिए:

    1. Cheque की वैधता (Validity) की अवधि के भीतर बैंक में प्रस्तुत किया गया हो।

    2. Drawee (जिसके पक्ष में Cheque जारी हुआ है) ने Cheque के अस्वीकृत होने की सूचना मिलने के 30 दिनों के भीतर Drawer (Cheque जारी करने वाले) को लिखित नोटिस भेजा हो।

    3. Drawer को नोटिस मिलने के 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया हो।

    क्या Cheque पर आंशिक भुगतान के बाद Section 138 लागू होता है? (Applicability of Section 138 After Part Payment)

    सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि Section 138 केवल उसी स्थिति में लागू होगा जब Cheque के प्रस्तुत किए जाने के समय Cheque में उल्लिखित राशि वास्तव में एक Legally Enforceable Debt को दर्शाती हो।

    यदि Cheque जारी करने के बाद लेकिन प्रस्तुत करने से पहले उधारकर्ता (Borrower) ने ऋण का कुछ हिस्सा चुका दिया है, तो Cheque पर उस भुगतान की सूचना (Endorsement) दर्ज की जानी चाहिए। यदि यह सूचना दर्ज नहीं की गई है और Cheque को पूर्ण राशि के लिए प्रस्तुत किया गया है, तो Section 138 लागू नहीं होगा।

    Section 56 की भूमिका (Role of Section 56)

    Section 56 of the Negotiable Instruments Act (परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 56) कहती है कि यदि Cheque में उल्लिखित राशि का कोई हिस्सा चुका दिया गया है, तो इस भुगतान को Cheque पर दर्ज (Endorse) किया जाना चाहिए। ऐसा Cheque केवल शेष राशि के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि बिना Endorsement के Cheque प्रस्तुत किया गया है और Dishonour (अस्वीकृति) हो गया है, तो Section 138 लागू नहीं होगा।

    अदालत के महत्वपूर्ण निर्णय (Important Judgments Referred)

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई महत्वपूर्ण मामलों का उल्लेख किया:

    1. Indus Airways Pvt. Ltd. v. Magnum Aviation Pvt. Ltd. (2014) – इस मामले में कहा गया कि Cheque के जारी किए जाने के समय Legally Enforceable Debt होना जरूरी है।

    2. Sampelly Satyanarayana Rao v. Indian Renewable Energy Development Agency Ltd. (2016) – अदालत ने कहा कि यदि Cheque जारी करने के समय या परिपक्वता तिथि (Maturity Date) पर ऋण मौजूद है, तो Section 138 लागू होगा।

    3. Sunil Todi v. State of Gujarat (2021) – अदालत ने कहा कि यदि Cheque के जारी करने के बाद ऋण उत्पन्न होता है, तो भी Section 138 लागू होगा, बशर्ते Cheque के प्रस्तुत किए जाने के समय ऋण मौजूद हो।

    Cheque पर Endorsement की अनिवार्यता (Mandatory Endorsement on Cheque)

    अदालत ने Section 56 और Section 15 of Negotiable Instruments Act को ध्यान में रखते हुए कहा कि Cheque पर भुगतान का उल्लेख (Endorsement) अनिवार्य है। यदि आंशिक भुगतान के बावजूद बिना Endorsement के Cheque को प्रस्तुत किया गया है, तो यह एक वैध (Valid) Cheque नहीं माना जाएगा और Section 138 लागू नहीं होगा।

    न्यायालय के निष्कर्ष (Court's Findings)

    1. Cheque के Dishonour होने के समय उसमें उल्लिखित राशि को एक Legally Enforceable Debt दर्शाना चाहिए।

    2. यदि Cheque जारी होने और प्रस्तुत करने के बीच आंशिक भुगतान किया गया हो, तो उसे Cheque पर Endorse किया जाना चाहिए।

    3. यदि बिना Endorsement के Cheque प्रस्तुत किया जाता है, तो Section 138 लागू नहीं होगा।

    4. Drawee को नोटिस में केवल वही राशि मांगनी चाहिए जो वास्तव में बकाया (Outstanding) है।

    5. यदि Cheque में उल्लिखित राशि बकाया राशि से अधिक है, तो नोटिस अवैध (Invalid) माना जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला Negotiable Instruments Act की धारा 138 की व्याख्या में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह निर्णय लेन-देन को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाता है।

    इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि Cheque Bounce के मामलों में केवल वास्तविक कानूनी देनदारियों (Legally Enforceable Debts) पर ही दंडात्मक प्रावधान लागू हों। यह फैसला न केवल Drawer को अनुचित उत्पीड़न (Harassment) से बचाता है बल्कि कानून के दुरुपयोग को भी रोकता है।

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