निहित स्वार्थी लोग भय का इस्तेमाल करते हैं, यही फासीवाद है; लोकतंत्र में लोगों को बिना किसी भय के जीना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
Shahadat
31 Jan 2025 3:33 AM

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (30 जनवरी) को अनाधिकृत बैनर लगाने से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए बताया कि कई मामलों में पुलिस क्षेत्र में अवैध बोर्डिंग की सूचना मिलने के बाद भी FIR दर्ज नहीं कर रही है।
जस्टिस देवन रामचंद्रन ने स्थानीय स्वशासन संस्थानों के सचिवों को अपने क्षेत्रों में लगाए गए अनाधिकृत बैनर हटाने का निर्देश पहले ही दे दिया था। हाल ही में सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है।
एमिक्स क्यूरी एडवोकेट हरीश वासुदेवन ने न्यायालय को पिनाराई पंचायत में हुई एक घटना के बारे में बताया, जहां कथित तौर पर क्षेत्र के सीपीआई(एम) के स्थानीय सचिव सहित पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सीपीआई(एम) के समर्थन में लगाए गए अनाधिकृत फ्लेक्स बोर्ड हटाने पर पंचायत अधिकारियों को धमकाया था।
न्यायालय ने पहले के आदेश में पुलिस को निर्देश दिया कि अगर अनाधिकृत बैनर/फ्लेक्सबोर्ड हटाने के लिए उन्हें कोई धमकी मिलती है तो वे अधिकारियों की सुरक्षा करें।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी ने न्यायालय को त्रिशूर और अलुवा में दो मामलों के बारे में भी बताया, जहां पुलिस ने उस क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से लगाए गए फ्लेक्स/बैनरों के बारे में सूचित किए जाने पर भी FIR दर्ज नहीं की।
न्यायालय ने राज्य पुलिस प्रमुख को पुलिस अधीक्षक से कम रैंक के अधिकारी के माध्यम से इन घटनाओं की जांच करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि कुछ 'निहित स्वार्थों' की गतिविधियों के कारण हर कोई भय में जी रहा है।
न्यायालय ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"नए केरल के लिए लोगों का मन बदलना चाहिए। आप लोग भय में जी रहे हैं। ये निहित स्वार्थ भय का उपयोग करते हैं, यही फासीवाद है। लोग भय के कारण प्रतिक्रिया नहीं करते - यही फासीवाद है। सबसे बड़ी समस्या लोगों के मन में आने वाला भय है। लोगों को बिना किसी भय के जीने में सक्षम होना चाहिए - यही लोकतंत्र है।"
न्यायालय ने सरकार से अगले सप्ताह तक न्यायालय को सूचित करने के लिए कहा कि वह एक वेबसाइट स्थापित करने के लिए क्या कदम उठा रही है, जहां लोग अपने क्षेत्र में अनधिकृत बैनर/फ्लेक्स/झंडों के बारे में शिकायतें अपलोड कर सकते हैं। मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है।
केस टाइटल: सेंट स्टीफंस मलंकारा कैथोलिक चर्च बनाम केरल राज्य और अन्य