CMRL के अधिकारी सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और आम जनता के साथ धोखाधड़ी के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी: ED ने केरल हाईकोर्ट को बताया

Amir Ahmad

29 Jun 2024 7:43 AM GMT

  • CMRL के अधिकारी सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और आम जनता के साथ धोखाधड़ी के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी: ED ने केरल हाईकोर्ट को बताया

    प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज केरल हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA Act) के तहत संज्ञेय अपराध किए और बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करके आम जनता के साथ धोखाधड़ी की। यह कहा गया कि CMRL के अधिकारियों के खिलाफ ED द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) के आधार पर कार्यवाही रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।

    जस्टिस टी आर रवि ने ED की ओर से पेश हुए सीनियर वकील एडवोकेट जोहेब हुसैन द्वारा प्रस्तुत दलीलें सुनीं।

    ED के वकील ने कहा कि CMRL पब्लिक लिमिटेड कंपनी है और उसने पहली नजर में जनता के पैसे की हेराफेरी करके आम जनता को धोखा दिया। कहा गया कि उनकी जांच में पहली नजर में परिवहन खर्च आदि के रूप में 133.8 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी खर्च का पता चला। यह भी तर्क दिया गया कि ED के पास पहली नजर में राजनेताओं और लोक सेवकों को किए गए अवैध भुगतानों को दिखाने वाली सामग्री है। इसके अलावा ED ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीना विजयन के स्वामित्व वाली एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस को सॉफ्टवेयर सेवाओं के नाम पर 1.72 करोड़ रुपये के फर्जी खर्च के सबूत हैं, जबकि वास्तव में ऐसी सेवाएं प्रदान नहीं की गई।

    ED ने कहा कि कंपनी का प्रबंधन इस तरह के फर्जी खर्चों के रूप में बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी के लिए जिम्मेदार है। आरोप लगाया गया कि फर्जी खर्चों का ऐसा खर्च पहली नजर में आम जनता के साथ धोखाधड़ी का मामला बनता है। ED ने आगे कहा कि अदालत जांच के चरण के दौरान कार्यवाही रद्द नहीं कर सकती है। याचिका समय से पहले है और इसे बनाए नहीं रखा जा सकता है।

    यह कहा गया कि ECIR, ED का आंतरिक दस्तावेज है एफआईआर के विपरीत और इसे रद्द नहीं किया जा सकता। यह भी कहा गया कि समन जारी करने मात्र को इस स्तर पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई नहीं माना जा सकता। ED ने तर्क दिया कि वह बिना एफआईआर दर्ज किए भी प्रथम दृष्टया मामला होने पर जांच कर सकता है। यह कहा गया कि ED एफआईआर दर्ज किए बिना भी जांच कर सकता है और समन जारी करने संपत्ति कुर्क करने जैसी दीवानी कार्रवाई शुरू कर सकता है।

    यह तर्क दिया गया कि अनुसूचित अपराध के संबंध में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न किए जाने से ED को PMLA के तहत जांच करने से नहीं रोका जा सकता, यदि उन्होंने क्षेत्राधिकार वाली पुलिस को सूचना भेज दी है। यह प्रस्तुत किया गया कि ED ने एफआईआर दर्ज करने के लिए केरल पुलिस को सूचना भेजी है और पुलिस कोई कार्रवाई करने में विफल रही है।

    ED ने प्रस्तुत किया कि यदि पुलिस उनकी सूचना के आधार पर आगे की कार्रवाई करने में विफल रहती है तो वे आवश्यक कार्रवाई करेंगे। ED के वकील ने आगे तर्क दिया कि याचिकाकर्ता आयकर अधिनियम (IT Act) के प्रावधानों पर भरोसा करके अभियोजन से छूट नहीं मांग सकते। यह तर्क दिया गया कि यदि ऐसा आवेदन 01 जून, 2007 को या उसके बाद किया गया तो IT Act के तहत निपटान आयोग PMLA, IPC या अन्य केंद्रीय कानूनों के तहत अभियोजन से छूट नहीं दे सकता है।

    नोट किया कि इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने निपटान आयोग के समक्ष वर्ष 2020 में ही आवेदन किया। इस प्रकार वे निपटान आयोग से छूट नहीं मांग सकते।

    मामले की पृष्ठभूमि

    ECIR द्वारा शुरू की गई कार्यवाही रद्द करने के लिए वर्तमान याचिका CMRL के अधिकारियों, सीनियर प्रबंधक एनसी चंद्रशेखरन, सीनियर अधिकारी अंजू राचेल कुरुविला, मुख्य वित्तीय अधिकारी केएस सुरेश कुमार और प्रबंध निदेशक एसएन शशिधरन कार्था द्वारा दायर की गई। अधिकारियों के खिलाफ जारी समन पर रोक सहित कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए भी याचिका दायर की गई।

    CMRL रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के कई आरोपों में शामिल था। आरोप है कि CMRL ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीना थाईकांडियिल (वीना विजयन) और उनकी कंपनी एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ अन्य सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत दी है और अवैध वित्तीय लेनदेन किया।

    इससे पहले न्यायालय ने ED को निर्देश दिया कि वह CMRL के अधिकारियों (याचिकाकर्ताओं) से पूछताछ के CCTV विजुअल को सुरक्षित रखे जिन्हें ED ने तलब किया था।

    मामले को आगे की सुनवाई के लिए 01 जुलाई 2024 (सोमवार) तक के लिए टाल दिया गया।

    केस टाइटल- कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड बनाम प्रवर्तन निदेशालय

    Next Story