2018 में कैंपस में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते चाकू घोंपकर हत्या किए गए SFI नेता अभिमन्यु की मां ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की

Amir Ahmad

20 Dec 2024 2:09 PM IST

  • 2018 में कैंपस में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते चाकू घोंपकर हत्या किए गए SFI नेता अभिमन्यु की मां ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की

    अभिमन्यु की हत्या 2018 में महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम में कैंपस में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के दौरान की गई। मां ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि छह साल बीत जाने के बावजूद 15 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए। मामला अभी भी प्रारंभिक सुनवाई के चरण में है, जिसमें जल्द ही मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं है।

    जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने एर्नाकुलम के प्रधान सेशन कोर्ट से रिपोर्ट मांगी। अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार अभिमन्यु की हत्या कैंपस फ्रंट नामक धार्मिक रूप से प्रेरित समूह से जुड़े स्टूडेंट्स के समूह ने चाकू घोंपकर की थी। कहा जाता है कि कॉलेज में कुछ पोस्टर लगाने को लेकर विवाद को लेकर SFI कार्यकर्ताओं और कैंपस फ्रंट कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अभिमन्यु पर हमला किया गया था। मृतक के साथ चार अन्य स्टूडेंट्स पर भी हमला किया गया था और उन्हें घातक चोटें आईं।

    IPC की धारा 143, 147, 341, 323, 324, 326, 307, 302, 506(ii), 201, 120(बी) के तहत अपराध दर्ज किया गया। आरोप पत्र शुरू में एर्नाकुलम के प्रथम श्रेणी-II के न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष रखा गया था। बाद में मामला एर्नाकुलम के प्रिंसिपल सेशन कोर्ट को सौंप दिया गया और अभी लंबित है।

    याचिका में कहा गया,

    “उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में किया गया मामला अभी भी प्रारंभिक सुनवाई के चरण में है। इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। मामले को 11.07.2023 से 18.11.2023 तक आरोपियों की उपस्थिति के लिए बार-बार पोस्ट किया गया। हालांकि, अधिकांश आरोपी सभी मौकों पर अनुपस्थित रहे।"

    आरोप है कि छह साल की देरी के बाद भी मामले में कोई प्रगति नहीं हुई, जो आपराधिक न्याय प्रणाली के सिद्धांतों के खिलाफ है।

    याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि सभी आरोपी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं। उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। कहा गया कि आरोप तय करने में अनुचित देरी से आरोपियों को फायदा होगा।

    इसलिए याचिकाकर्ता हाईकोर्ट से सेशन कोर्ट को निर्देश देने की मांग करता है कि वह मामले को कम समय अवधि के भीतर निपटाने का प्रयास करे।

    यह याचिका एडवोकेट देविका के आर, के एस अरुण कुमार द्वारा दायर की गई।

    केस टाइटल: भूपति बनाम केरल राज्य

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