लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम: केरल हाईकोर्ट में BCI के 2400% रजिस्ट्रेशन फीस वृद्धि के खिलाफ याचिका
Amir Ahmad
4 Oct 2025 1:39 PM IST

केरल हाईकोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा राज्य बार काउंसिल चुनावों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 5,000 से बढ़ाकर 1,25,000 करने के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। यह वृद्धि करीब 2400% की बताई गई।
यह याचिका एडवोकेट राजेश विजयन द्वारा दायर की गई, जो 1996 में वकील के रूप में नामांकित हुए और 2019 से केरल बार काउंसिल के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला मनमाना, अवैध, असंगत और अनुपातहीन है तथा यह एडवोकेट्स एक्ट 1961 और बार काउंसिल ऑफ केरल इलेक्शन रूल्स 1979 का उल्लंघन करता है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर को आदेश दिया कि राज्य बार काउंसिल के चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरे किए जाएं। इसके बाद BCI ने 25 सितंबर को सर्कुलर जारी कर चुनाव समितियों के गठन के साथ रजिस्ट्रेशन फीस में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की।
याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रेशन फीस संशोधित करने का कोई निर्देश नहीं दिया था। BCI ने रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने का कारण रजिस्ट्रेशन फीस में कथित कमी और धन की कमी बताया, लेकिन याचिकाकर्ता के अनुसार अदालत ने कोई ऐसा स्रोत समाप्त नहीं किया, जिससे BCI को आर्थिक नुकसान हुआ हो।
याचिका में कहा गया कि न तो कोई वित्तीय रिपोर्ट, बजट या लागत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया और न ही किसी अध्ययन के आधार पर यह वृद्धि तय की गई। 1979 के चुनाव नियमों में रजिस्ट्रेशन फीस 5,000 तय की गई, जो सफल या वापसी की स्थिति में वापस की जाती है। नियमों में संशोधन किए बिना इस राशि को बढ़ाना विधिसम्मत नहीं है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह निर्णय लोकतांत्रिक भागीदारी को कमजोर करेगा और केवल आर्थिक रूप से सक्षम वकीलों को चुनाव में उतरने का अवसर देगा। युवा वकीलों, महिला वकीलों और छोटे शहरों या कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के वकीलों के लिए यह भारी बाधा बनेगा।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एडवोकेट्स एक्ट BCI को राज्य बार काउंसिल के चुनावों में हस्तक्षेप करने या रजिस्ट्रेशन फीस तय करने का अधिकार नहीं देता। सेक्शन 7(1)(k) और सेक्शन 3(4) के तहत BCI को ऐसा कोई अधिकार प्राप्त नहीं है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) इलेक्टोरल रिफॉर्म्स कमिटी की 2025 की रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसकी अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एल. नागेश्वर राव ने की थी। उस रिपोर्ट में भी रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा गया कि ऐसा कदम यह संदेश देता है कि चुनाव सिर्फ उन वकीलों के लिए हैं, जिनके पास आर्थिक संसाधन हैं।
याचिका में मांग की गई कि BCI का यह सर्कुलर रद्द किया जाए और यह घोषित किया जाए कि चुनाव केरल बार काउंसिल इलेक्शन रूल्स 1979 के अनुसार ही कराए जाएं। साथ ही यह भी घोषित किया जाए कि BCI को राज्य बार काउंसिल चुनावों के रजिस्ट्रेशन फीस तय करने का कोई अधिकार नहीं है।

