कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की बलात्कार सजा के खिलाफ अपील पर नोटिस जारी किया
Praveen Mishra
9 Oct 2025 5:30 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को जनता दल (सेक्यूलर) नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा दायर अपील पर राज्य को नोटिस जारी किया। प्रज्वल रेवन्ना ने हासन जिले के होलनारसिपुरा ग्रामीण थाना में उनके खिलाफ दर्ज पहली बलात्कार मामले में उन्हें सुनाई गई दंडनीय सजाओं और उम्रकैद की सजा को चुनौती दी है।
जस्टिस के. एस. मुदगल और वेंकटेश नाइक टी की डिवीजन बेंच ने प्रज्वल के वकील को विस्तृत संक्षिप्त विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य के वकील से यह भी पूछा कि क्या अपील पर बहस करने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है, जैसा कि ट्रायल के दौरान किया गया था।
इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
एडिसनल सिटी सिविल और सेशन जज संतोश गजानन भट ने 3 अप्रैल को रेवन्ना के खिलाफ धारा 376(2)(k) (सत्ता के पद का दुरुपयोग कर बलात्कार), 376(2)(n) (बार-बार बलात्कार), 354(A) (यौन उत्पीड़न), 354(B) (बल या जबरदस्ती का इस्तेमाल कर कपड़े उतारने का प्रयास), 354(C) (वॉयरेज), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (साक्ष्य लुप्त कराना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(e) के तहत आरोप तय किए थे। जज ने सभी आरोपों में उन्हें दोषी ठहराया और 2 अगस्त को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अपील में प्रज्वल का कहना है कि SIT राजनीतिक दबाव में उनकी छवि धूमिल करने के लिए काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज करने में 3 साल से अधिक की देरी असामान्य है और मामला झूठा है। उनका यह भी तर्क है कि अगर शिकायतकर्ता ने वास्तव में कथित उत्पीड़न सहा होता, तो वह इसे किसी विश्वसनीय व्यक्ति को बता सकती थी।
अपील में यह भी कहा गया कि मौखिक और लिखित सबूतों की समीक्षा करने पर यह स्पष्ट होता है कि अभियोजन ने अपने मामले को बनाने और झूठा साबित करने की पूरी कोशिश की।
अभियोजन के अनुसार, पीड़िता रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में नौकरानी के रूप में काम करती थी। आरोप है कि 2021 में COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, रेवन्ना ने बार-बार उसका बलात्कार किया और विभिन्न स्थानों पर इसका वीडियो रिकॉर्ड किया। आगे आरोप है कि रेवन्ना ने इन वीडियो का इस्तेमाल कर उसे धमकाया और शिकायत करने से रोका।
SIT प्रज्वल के खिलाफ दो और मामले की जांच कर रही है और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें पिछले साल 30 मई को जर्मनी से लौटते समय बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।

