कर्नाटक हाईकोर्ट ने वक्फ संपत्तियों पर टिप्पणी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ FIR रद्द की
Avanish Pathak
27 Jun 2025 1:32 PM IST

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया, जिसमें उन पर किसानों और मंदिरों की संपत्तियों को कथित रूप से हड़पने में वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार की कार्रवाई की निंदा करने के लिए आयोजित एक विरोध रैली के दौरान आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया गया था।
जस्टिस एस आर कृष्ण कुमार ने बोम्मई द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और शिगगांव पुलिस स्टेशन द्वारा बीएनएस की धारा 196(1)(ए) के तहत शुरू की गई कार्यवाही को खारिज कर दिया।
बोम्मई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के नवदगी ने तर्क दिया कि शिकायतों में बीएनएस की धारा 196(1)(ए) [धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना] के तत्व शामिल नहीं हैं।
अतिरिक्त विशेष लोक अभियोजक बी एन जगदीश ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कथित घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग से प्रथम दृष्टया बोम्मई के खिलाफ अपराध बनता है।
शिकायत पर गौर करने और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णयों पर भरोसा करने के बाद पीठ ने कहा, "यदि आरोपित शिकायत और एफआईआर को स्पष्ट सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पढ़ा जाए तो यह स्पष्ट है कि - यह कहने के अलावा कि जहां भी पत्थर फेंका जाता है, वहां वक्फ संपत्ति पाई जाती है - इसके अलावा अपराध को आकर्षित करने के लिए कोई आरोप नहीं हैं।"
कोर्ट ने कहा, "धारा 196 (1) (ए) के तहत दंडनीय अपराध के संबंध में आरोपित शिकायत में किए गए अस्पष्ट, बेबुनियाद, सर्वव्यापी आरोपों के मद्देनजर। मेरा मानना है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही जारी रखना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा, इसलिए हस्तक्षेप की आवश्यकता है। अनुमति दी जाती है और इसे रद्द किया जाता है।"
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल बोम्मई तक सीमित है और मामले में आरोपी के रूप में नामित अन्य व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा।

