कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेटियों के खिलाफ पिता के आपराधिक धमकी के मामले को खारिज कर दिया, क्योंकि उन्होंने कहा कि वह जहां रहते हैं वहां कोई 'शांति भंग नहीं करेंगे'
Praveen Mishra
5 July 2024 4:26 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने दो बेटियों के खिलाफ उनके पिता द्वारा दर्ज आपराधिक धमकी के मामले को रद्द कर दिया है, क्योंकि उन्होंने अदालत के समक्ष कहा था कि वे ऐसा कोई कृत्य नहीं करेंगी जो उनके पिता के खिलाफ अपराध हो।
जस्टिस एन एस संजय गौड़ा की सिंगल जज बेंच ने बेटियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और उनके पिता द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के तहत शुरू की गई कार्यवाही को रद्द कर दिया।
पिता ने आरोप लगाया था कि बेटियों ने उसके साथ छेड़खानी की थी और उसके साथ टकराव हुआ था, जो पिता के अनुसार, एक आपराधिक अपराध है।
कोर्ट के समक्ष बेटी ने हलफनामा दायर कर कहा कि वे ऐसा कोई कृत्य नहीं करेंगी जो उनके पिता के खिलाफ अपराध बन और 'ऐसा कोई कृत्य भी नहीं करेंगी जिससे पिता के परिसर में शांति भंग हो।
यह भी कहा गया था कि वे कानून के तहत अपने, अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच संपत्ति के विभाजन की मांग करने वाले मुकदमे को हल करेंगे।
इस पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा, "बेटियों द्वारा दायर इन हलफनामों के आलोक में, और उनके बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए कि वे किसी भी तरह से अपने पिता को परेशान या सामना नहीं करेंगी, याचिका को अनुमति दी जाती है और कार्यवाही रद्द कर दी जाएगी।
कोर्ट ने कहा, "कार्यवाही को इस तथ्य के संबंध में रद्द कर दिया जाता है कि विवाद अनिवार्य रूप से एक पारिवारिक विवाद है और आपराधिक पक्ष पर फैल गया है। तदनुसार इस याचिका को अनुमति दी जाती है।