कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो वितरित करने के आरोपी पूर्व BJP MLA के खिलाफ जांच की अनुमति दी
Shahadat
28 Jun 2024 6:31 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हसन से पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक प्रीतम गौड़ा के खिलाफ चल रही जांच को रोकने से इनकार किया, जिन पर जनता दल (एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े यौन उत्पीड़न के अश्लील वीडियो वितरित करने का आरोप है।
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने गौड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 66ई और भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए, 354डी, 354बी और 506 के तहत उनके खिलाफ दर्ज अपराधों को रद्द करने की मांग की गई।
पीठ ने अपने आदेश में कहा,
“यह अदालत इस बात से सहमत नहीं है कि यह चल रही जांच प्रक्रिया को रोकने का मामला है, इसलिए जांच प्रतिवादी के विवेक पर मानक तरीकों से जारी रह सकती है। हालांकि, याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और हिरासत तब तक नहीं होगी, जब तक वह जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं करता। यह आदेश पुलिस द्वारा खोजी जाने वाली किसी भी सामग्री के आड़े नहीं आएगा।''
अदालत ने याचिकाकर्ता को जांच के उद्देश्य से सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जांच अधिकारी के दरवाजे पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एक महिला द्वारा दर्ज की गई चौथी एफआईआर में गौड़ा को आरोपी बनाया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सी वी नागेश ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध का पंजीकरण ही गलत है।
विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने अतिरिक्त लोक अभियोजक बी एन जगदीश के साथ तर्क दिया कि हमारा मामला यह है कि याचिकाकर्ता ने वीडियो प्रसारित किए।
सुनवाई के दौरान, अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि एफआईआर कंकाल दस्तावेज है और जांच के दौरान इसमें खून और मांस डाला जा सकता है। घटना (अश्लील वीडियो) पाप और अपराध का एक एक्स स्तर है और वितरण एक अलग स्तर है।
केस टाइटल: प्रीतम गौड़ा और कर्नाटक राज्य