'वह पूर्व मुख्यमंत्री हैं, कोई टॉम, डिक और हैरी नहीं': कर्नाटक हाईकोर्ट ने POCSO मामले में बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
Shahadat
15 Jun 2024 11:32 AM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को उनके खिलाफ दर्ज POCSO मामले के संबंध में गिरफ्तार करने से रोक दिया।
हालांकि न्यायालय ने उन्हें जांच में सहयोग करने और 17 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा है।
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने यह आदेश बेंगलुरू की एक अदालत द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के आदेश के खिलाफ अपील पर विचार करते हुए पारित किया।
पीठ ने टिप्पणी की,
"समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। यदि वह बेईमान व्यक्ति होता तो वह पहला नोटिस जारी होने पर आईओ के समक्ष उपस्थित नहीं होता। जीवन में बहुत सी चीजें होती हैं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का भी पालन नहीं किया जाता। चार या पांच दिनों में कौन सा आसमान टूट पड़ेगा। जिस तरह से चीजें की जा रही हैं, उससे न्यायालय के मन में संदेह है कि कुछ छिपा हुआ।"
इसमें आगे कहा गया,
"यहां पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने आपके पहले नोटिस का पालन किया और जांच में सहयोग किया। फिर आपने दूसरा नोटिस जारी किया। यह आपकी शक्ति है और उन्होंने कहा कि मैं 17-06-2024 को आऊंगा, यह उनका मामला नहीं है कि वह कर्नाटक वापस नहीं आएंगे।"
जस्टिस दीक्षित ने कहा,
"वह (येदियुरप्पा) कोई टॉम, डिक और हैरी नहीं हैं; न ही वह डाकू हैं, वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। क्या वह फरार होंगे?"
एडवोकेट जनरल ने तर्क दिया कि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है या नहीं, यह आईओ का एकमात्र विवेक है। यह तर्क दिया गया कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें नष्ट किया गया, इसलिए उनकी हिरासत की आवश्यकता है।
न्यायालय ने एजी की दलीलों से असहमति जताई और कहा कि पूर्व सीएम ने पहले ही लिखित में दे दिया कि वह 17 जून को पुलिस के सामने पेश होंगे। इसलिए उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है।
पीठ ने चुटकी लेते हुए कहा,
"अगर पूर्व सीएम के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है तो आम आदमी के साथ क्या हो रहा होगा।"