कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया पर फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की
Praveen Mishra
13 Feb 2025 11:38 AM

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बारे में कथित रूप से फर्जी खबरें फैलाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा, ''याचिका मंजूर की जाती है और खारिज की जाती है। अदालत ने मौखिक रूप से आदेश पारित करने से पहले कहा, "अदालत जानना चाहती है कि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ अपराध क्या है, बिल्कुल कुछ भी नहीं, उसके चेहरे पर गाली है।
पुलिस ने IPC की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत अपराध दर्ज किया था।
स्थगन आदेश जारी करते हुए अदालत ने कहा था, 'यह समझ से परे है कि यह धारा किस तरह से इस मामले में अपने दूरस्थ अर्थों पर लागू होती है। इसलिए यह प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा अपराध का एक लापरवाह पंजीकरण है। यदि ऐसे अपराध को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। सुनवाई की अगली तारीख 16 जनवरी, 2025 तक सभी आगे की जांच पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश होगा।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि 27 मार्च को शाम करीब 7.15 बजे आर कन्नड़ चैनल ने एक खबर प्रसारित की जिसमें दावा किया गया कि बेंगलुरु में एमजी रोड पर यातायात को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए रास्ता बनाने के लिए रोक दिया गया था और इसलिए एक एम्बुलेंस फंस गई थी।
हालांकि, उस समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बेंगलुरु में नहीं थे। शिकायतकर्ता के अनुसार वह मैसूर में था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अरुण श्याम ने कहा कि कथित वीडियो को 24 घंटे के भीतर हटा दिया गया।