झारखंड हाईकोर्ट ने मोतियाबिंद, सुगर और हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित बुजुर्ग कैदियों के लिए अनिवार्य मासिक मेडिकल कैंप लगाने का निर्देश दिया
Amir Ahmad
14 Dec 2024 1:00 PM IST
झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) को निर्देश दिया कि वह जेलों में आयोजित मासिक विधिक शिविरों के साथ-साथ मोतियाबिंद सुगर और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों से पीड़ित कैदियों, विशेष रूप से बुजुर्ग कैदियों के लिए मेडिकल कैंप आयोजित करे।
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और नवनीत कुमार की खंडपीठ ने निर्देश दिया,
“इस न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित करने के बाद यह भी विचार किया कि इस तरह के मुद्दे पर विचार किया गया कि विचाराधीन कैदियों या न्यायिक हिरासत में बंद कैदियों की, दोषसिद्धि के परिणामस्वरूप, मेडिकल जांच की आवश्यकता है। विशेष रूप से वृद्ध कैदियों की, जहां मोतियाबिंद सुगर, ब्लडप्रेशर और अन्य वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों की संभावना ऐसे कैदियों को परेशान कर सकती है।”
यह न्यायालय इस विचार पर है कि अध्यक्ष, डीएलएसए पीठ ने कहा कि DLSA के उपाध्यक्ष और सचिव को मेडिकल कैंप लगाकर अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया। जिस दिन कानूनी शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, उसी दिन ऐसे कैदियों की मेडिकल जांच के लिए मासिक आधार पर कैंप भी आयोजित किए जाएं। आवश्यकता के अनुसार उन्हें सभी आवश्यक मेडिकल सहायता प्रदान की जाए।
उपरोक्त निर्णय अपील के लंबित रहने के दौरान एक अंतरिम आदेश पारित करके सजा को अनंतिम रूप से निलंबित करने के लिए दायर एक अंतरिम आवेदन पर आया है।
अपीलकर्ता लक्ष्मण राम, जो बाईं आंख में परिपक्व मोतियाबिंद से पीड़ित थे ने दृष्टि की संभावित हानि के जोखिम को देखते हुए तत्काल मेडिकल हस्तक्षेप की मांग करते हुए आवेदन दायर किया।
सीनियर एडवोकेट ए.के. कश्यप ने अपीलकर्ता की ओर से स्थिति की तात्कालिकता पर जोर देते हुए अनुरोध किया कि उसी प्रक्रिया का पालन करते हुए बाईं आंख के मोतियाबिंद का इलाज किया जाए।
हाईकोर्ट ने पक्षकारों के अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श के पश्चात गढ़वा के जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि अपीलकर्ता की जांच सदर अस्पताल गढ़वा या सदर अस्पताल पलामू में से किसी एक अस्पताल में नेत्र वार्ड में कराएं तथा चिकित्सक की सलाह के अनुसार अपीलकर्ता की बायीं आंख का ऑपरेशन कराएं।
न्यायालय ने राज्य के वकील को उपलब्ध कराए गए मेडिकल उपचार के बारे में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। इसके एडिशनल कोर्ट ने निर्देश दिया कि यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि जेल के अंदर आयोजित की जाने वाली जेल अदालत प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को आयोजित की जाती है, ऐसे में यदि इसका आयोजन किया जा रहा है तो इसे मेडिकल कैंप के साथ नियमित रूप से आयोजित किया जाए। 13. झालसा के सदस्य सचिव को इस कार्य की निगरानी करने तथा रिपोर्ट मंगाने का निर्देश दिया जाता है।
अब मामले को आगे की सुनवाई के लिए 17 दिसंबर, 2024 को सूचीबद्ध किया जाएगा।
हाईकोर्ट के दिनांक 9 दिसंबर, 2024 के आदेश के अनुपालन में झालसा ने 10 दिसंबर, 2024 को निम्नलिखित निर्देश जारी किए:
*जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मासिक आधार पर विधिक शिविरों के आयोजन के दिन मेडिकल कैंप आयोजित कर अभियान चलाया जाए, ताकि सभी कैदियों, विशेषकर वृद्ध कैदियों, जिनमें मोतियाबिंद, मधुमेह, रक्तचाप तथा अन्य वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों की संभावना हो, की मेडिकल जांच की जा सके तथा आवश्यकतानुसार उन्हें सभी आवश्यक मेडिकल सहायता प्रदान की जा सके।
*जेल के अंदर आयोजित की जाने वाली जेल अदालत के साथ-साथ मेडिकल कैंप भी आयोजित किए जाएं।
यह भी अनुरोध किया जाता है कि माननीय झारखंड हाईकोर्ट के आदेश का अक्षरशः अनुपालन किया जाए।
केस टाइटल: लक्ष्मण राम बनाम झारखंड राज्य