जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: मेडिकल कोर्स में पूर्ण डोमिसाइल आरक्षण असंवैधानिक, खाली सीटें बाहरी उम्मीदवारों के लिए खोलें

Amir Ahmad

7 Nov 2025 3:06 PM IST

  • जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: मेडिकल कोर्स में पूर्ण डोमिसाइल आरक्षण असंवैधानिक, खाली सीटें बाहरी उम्मीदवारों के लिए खोलें

    जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भले ही केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मेडिकल और संबद्ध व्यावसायिक कॉलेजों में सीटों का एक हिस्सा आरक्षित कर सकता है लेकिन ऐसा आरक्षण पूर्ण नहीं हो सकता।

    न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि स्थानीय आवेदकों की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो डोमिसाइल (अधिवास) प्रतिबंध में ढील दी जानी चाहिए, जिससे बाहर के उम्मीदवार भी उन सीटों पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।

    जस्टिस संजय धर की पीठ जम्मू कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी और जम्मू इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन संस्थानों ने बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) प्रवेश के लिए NEET को अनिवार्य बनाने और काउंसलिंग को केवल जम्मू और कश्मीर के डोमिसाइल तक सीमित करने की नीति को चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई थीं।

    न्यायालय ने निष्पक्ष एडमिशन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले संवैधानिक सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा,

    "एक बार जब राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने इन संस्थानों को बनाने में खर्च किया तो स्थानीय उम्मीदवारों के लिए मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए सीटों का एक हिस्सा आरक्षित करना UT के लिए खुला है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य को इन संस्थानों में प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों से लाभ मिले लेकिन ऐसा आरक्षण थोक नहीं हो सकता, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।"

    न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के डॉ. प्रदीप जैन बनाम भारत संघ मामले पर व्यापक रूप से भरोसा किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बाहरी उम्मीदवारों के पूर्ण बहिष्कार की निंदा की थी और कहा था कि कम से कम 30% सीटें अखिल भारतीय आधार पर खुली होनी चाहिए।

    कोर्ट ने अपनी दलील को मजबूत करते हुए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज बनाम मध्य प्रदेश राज्य मामले का भी उल्लेख किया जहां सुप्रीम कोर्ट ने माना कि खाली पड़ी सीटें जनहित के लिए हानिकारक हैं और उन्हें खाली रखना संसाधनों की राष्ट्रीय बर्बादी के समान है।

    हाईकोर्ट ने तर्क दिया कि जब स्थानीय उम्मीदवारों की काउंसलिंग समाप्त होने के बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो निजी कॉलेजों को बाहर के योग्य उम्मीदवारों से उन्हें भरने से रोकना संस्थानों को वित्तीय नुकसान पहुँचाता है, राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी करता है, और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत पेशा करने के अधिकार पर एक अतार्किक प्रतिबंध के रूप में कार्य करता है।

    न्यायालय का निर्देश

    न्यायालय ने कहा कि BPT एडमिशन NEET स्कोर के आधार पर जारी रहेंगे क्योंकि एक समान राष्ट्रीय परीक्षा पारदर्शिता और शैक्षणिक मानकों को बढ़ावा देती है। हालांकि डोमिसाइल पर प्रतिबंध को असंवैधानिक मानते हुए कोर्ट ने निम्नलिखित निर्देश दिए-

    मेरिट कम करें: यदि स्थानीय उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं तो BOPEE (बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन) मेरिट को कम करके शेष सीटों को भरेगा।

    बाहरी उम्मीदवारों को अनुमति: यदि जम्मू-कश्मीर के डोमिसाइल की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो एस.ओ. 175 दिनांक 20.05.2020 शिथिल (relaxed) माना जाएगा और BOPEE देश के अन्य हिस्सों के उम्मीदवारों के लिए काउंसलिंग आयोजित करेगा।

    कोर्ट ने अंतरिम आदेशों के तहत किए गए अनंतिम प्रवेशों को भी नियमित कर दिया।

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