जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना मामले में IAS अधिकारी को पेश होने का आदेश दिया
Amir Ahmad
3 Aug 2024 12:32 PM IST
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने गांदरबल के उपायुक्त श्यामबीर सिंह के खिलाफ सख्त आदेश जारी करते हुए उन्हें आपराधिक अवमानना के आरोपों का जवाब देने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।
गांदरबल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए संदर्भ के बाद जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस संजीव कुमार ने कहा,
“हमदस्त द्वारा अवमानना करने वाले श्यामबीर को नोटिस जारी किया जाता है। अवमाननाकर्ता सोमवार यानी 5 अगस्त 2024 को ठीक 11:00 बजे इस न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होगा। समन की तामील से बचने या उसकी गैरहाजिरी के उसके किसी भी प्रयास को इस न्यायालय द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा। न्यायालय उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बलपूर्वक कार्यवाही का सहारा लेगा।”
यह कार्यवाही तब शुरू की गई जब आरोप सामने आए कि डिप्टी कमिश्नर सिंह ने सब-जज फैयाज अहमद कुरैशी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद जज कुरैशी ने 31 अक्टूबर 2022 के फैसले का पालन न करने के कारण सिंह का वेतन कुर्क करने का आदेश दिया।
डिक्री, जिस पर रोक नहीं लगाई गई, उसको निष्पादित करने की आवश्यकता थी, जिसके कारण सिंह सहित निर्णय देनदारों द्वारा अनुपालन करने में विफल रहने के बाद कुर्की आदेश दिया गया, जिससे डिक्रीधारकों को 18 महीने से अधिक समय तक समाधान की प्रतीक्षा करनी पड़ी।
सब जज कुरैशी के न्यायिक आदेश के अनुसार डिप्टी कमिश्नर ने जज को परेशान करने के लिए कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया, जिसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा जज की संपत्ति का अनधिकृत दौरा भी शामिल है। इसे न्यायिक अधिकार को कमजोर करने और अदालत के फैसले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया।
अदालत ने कहा कि सिंह की हरकतों का उद्देश्य हेरफेर और मनगढ़ंत बातों के माध्यम से जज कुरैशी को बदनाम और कमजोर करना था, जो आपराधिक अवमानना का गठन करता है।
आरोपों की गंभीरता को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि श्यामबीर सिंह द्वारा समन की तामील से बचने या पेश न होने के किसी भी प्रयास के गंभीर परिणाम होंगे, जिसमें उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बलपूर्वक उपाय भी शामिल हैं।
न्यायिक गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखने के प्रयास मे हाईकोर्ट ने कार्यवाही में सहायता के लिए सीनियर वकील आर. ए. जान को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।
मामले को 5 अगस्त, 2024 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल- नूर मोहम्मद गोजर चिची और अन्य बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य और अन्य।